Home Blog Page 16

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 72 लाख किसानों को जारी की 1560 करोड़ की सम्मान निधि

प्रधानमंत्री फसल बीमा के 30 लाख दावों के 1058 करोड़ का सिंगल क्लिक से किया अंतरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य में 4 लाख 30 हजार पट्टों के वितरण का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 1 हजार 117 करोड़ से अधिक के 127 विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमिपूजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सतना में व्यंकटेश लोक मूर्तियों का किया अनावरण
किसानों की सुविधा के लिए अनुदान पर ट्रांसफार्मर की योजना पुन आरंभ की जा रही है
डिफाल्टर किसानों को सहकारिता की व्यवस्था से खाद उपलब्ध कराया जाएगा
फसलों के नुकसान पर सर्वे कराकर राहत राशि और फसल बीमा का पैसा दिलवाया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सतना में राज्य स्तरीय कृषक सम्मेलन को किया संबोधित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सतना में आयोजित राज्य स्तरीय कृषक सम्मेलन में 72 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि के 1 हजार 560 करोड़ का सिंगल क्लिक से अंतरण किया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 30 लाख दावों में 1 हजार 58 करोड़ रुपये किसानों के खातों में जारी किए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 4 लाख 30 हजार परिवारों को पट्टों का वितरण भी किया। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री आवास भू-अधिकार योजना (ग्रामीण) के 75 हजार, मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना के 5 हजार 711 और स्वामित्व योजना के 3 लाख 50 हजार पट्टे हितग्राहियों को प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 1 हजार 117 करोड़ 58 लाख की लागत के 127 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इसके अंतर्गत 959 करोड़ 37 लाख रुपये के 40 कार्यों का भूमिपूजन किया गया तथा 157 करोड़ 84 लाख के अधिक के लागत के 87 करोड़ विकास कार्यों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने व्यंकटेश लोक मूर्तियों का अनावरण भी किया, उल्लेखनीय है कि सतना स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत सतना नगर के प्रसिद्ध व्यंकेटेश मंदिर के सौंदर्यीकरण और विकास कार्यों के तहत व्यंकेटेश लोक का निर्माण किया गया है। राज्य स्तरीय कृषक सम्मेलन में सतना के सीमावर्ती जिलों रीवा, पन्ना, कटनी, सीधी, छतरपुर, उमरिया आदि के कृषक शामिल हुए। अन्य जिलों के कृषक कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े।

विवेकानंद महाविद्यालय मैहर और अनेक सड़कों हुआ लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 157 करोड़ 84 लाख से अधिक की लागत से हुए विकास कार्यों के अंतर्गत 61 करोड़ 26 लाख की लागत से सतना में नेक्टर झील, व्यंकेटेश मंदिर, संतोषी माता तालाब के पुर्नविकास और 50 करोड़ की लागत से बने दो मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक, चित्रकूट में 10 करोड़ की लागत से बने आईटीआई छात्रावास व आवासों का लोकार्पण किया। सात करोड़ 95 लाख की लागत से सतना जिले में बने अस्पताल, हाईस्कूल भवन जैसे विकास कार्यों, 5 करोड़ 51 लाख की लागत से निर्मित विवेकानंद महाविद्यालय मैहर और वनदेवी परिसर चित्रकूट सहित जिले की विभिन्न सड़कों और अन्य निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया गया।

कामतगिरि पथ और माँ शारदा देवी मंदिर रोप-वे तथा यात्री सुविधा का हुआ भूमिपूजन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 959 करोड़ 73 लाख लागत से किए गए कार्यों के भूमिपूजन के अंतर्गत 372 करोड़ 88 लाख की लागत से बनने वाली सतना से सोहावल नहर, 227 करोड़ 56 लाख की लागत से चित्रकूट में बनने वाले दोरीसागर बांध, 178 करोड़ 22 लाख लागत की नागौद-मैहर सड़क, 40 करोड़ 33 लाख के मझगवां सीएम राइज स्कूल, 31 करोड़ 53 लाख लागत के कामतगिरि पथ, 25 करोड़ 26 लाख के माँ शारदा देवी मंदिर यात्री सुविधा व रोप-वे का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शासकीय महाविद्यालय नादन, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नागौद, जिले की विभिन्न सड़कों तथा अन्य निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया।

हमने विकास गतिविधियों में कभी पैसे की कमी को आड़े नहीं आने दिया

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विकास और जनकल्याण के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। इस प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप हमने विकास गतिविधियों में कभी पैसे की कमी को आड़े नहीं आने दिया। किसान कल्याण के लिए उठाए गए कदम हों या कृषि के उन्नयन के लिए संचालित गतिविधियां, हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की हैं। प्रदेश में सिंचाई के रकबे को 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 47 लाख हेक्टेयर किया है। जिसे बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। पानी की बचत के लिए पाइप लाइन से सिंचाई की व्यवस्था की गई है। किसानों की सुविधा के लिए अनुदान पर ट्रांसफार्मर की योजना पुन आरंभ की जा रही है। किसानों को शून्य प्रतिशत पर ब्याज की व्यवस्था की गई। किसान भाईयों के लिए खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। डिफाल्टर किसानों को सहकारिता की व्यवस्था से खाद उपलब्ध कराया जाएगा। किसान भाईयों को यदि फसलों को नुकसान हुआ है तो सर्वे कराकर राहत की राशि और फसल बीमा का पैसा दिलवाया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण की गतिविधियां लगातार जारी हैं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण की गतिविधियां लगातार जारी हैं। प्रतिमाह किसानों को एक हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत व्यवस्था की गई है। लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत भी किसान परिवारों को राशि प्राप्त हो रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसान की आय दोगुनी करने में हम सफल रहे हैं। किसान अब तीन-तीन फसलें ले रहा है, इन फसलों की खरीद की व्यवस्था भी की गई है।

गरीब कल्याण हमारी सरकार का मूल मंत्र है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब कल्याण हमारी सरकार का मूल मंत्र है। हर गरीब परिवार को रहने की जमीन का पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास में जो परिवार छूट गए हैं उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। गरीब, किसान, युवा सहित के सभी के विकास और कल्याण के लिए गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। विद्यार्थियों को शिक्षा में प्रोत्साहन के लिए लेपटॉप और स्कूटी उपलब्ध कराई जा रही है, और युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए भी व्यवस्था की गई है।

प्रदेश में किसानों ने चमत्कार किया है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसानों ने चमत्कार किया है। राज्य सरकार ने सात सूत्रों का अनुसरण करते हुए संकट के समय सहायता उपलब्ध कराने, खेती के लिए बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने, कृषि के उत्पादन की लागत को कम करने, खेती का उत्पादन बढा़ने, किसान को उसकी फसल का सही मूल्य दिलाने, खेती के विविधीकरण और उत्पादों की मार्केटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधियां संचालित कीं हैं। हमारी सरकार ने पिछले तीन साल में लगभग 2 लाख 84 हजार करोड़ रुपये की राशि के हित लाभ किसानों के खातों में अंतरित किए। 3 करोड़ 9 लाख प्रकरणों में 1 लाख 49 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कृषि ऋण जीरो प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराये गए। फसल बीमा योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 43 लाख से अधिक किसानों 20 हजार करोड़ से अधिक का बीमा दावा भुगतान किया गया। यह भी गौरतलब है कि देश के कुल निर्यात में 45 प्रतिशत की भागीदारी के साथ मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य बना हुआ है। प्रदेश चना, उड़द, मसूर, दलहन, तिलहन, अलसी के उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य को लगातार सात बार कृषि कर्मण अवार्ड का सम्मान प्राप्त हुआ है।

किसानों ने हल भेंटकर मुख्यमंत्री श्री चौहान का किया अभिवादन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्या पूजन और दीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा किसान सम्मेलन में पधारे कृषकों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को हल और मोटे अनाज भेंटकर उनका अभिवादन किया गया। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल, सांसद सतना श्री गणेश सिंह, क्षेत्रीय विधायक गण, पंचायत और नगरीय निकायों के पदाधिकारी तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

Jan Seva Mitra team ने की प्रभात पट्टन जनपद प्रभारी CEO से भेट ।

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री जन सेवा मित्रो (jan seva mitra)के कार्यो की सराहना जिस प्रकार हो रही है तो लगता है की सरकार द्वारा यह कदम साई दिशा में उठाया गया है .
CM रिसर्च सीएम रिसर्च एसोसिएट आदरणीय मनदीप सिंह परिहार जी बैतूल से नेतृत्व कर रहे है इनके मार्गदर्शन बैतूल जिले के सभी ब्लॉक में जनसेवा मित्र एक्टिव होकर अपनी सेवा दे रहे है

आज दिनांक 11/8/ 2023 को सीएम रिसर्च एसोसिएट आदरणीय मनदीप सिंह परिहार सर के नेतृत्व में ब्लॉक प्रभात पट्टन के जनसेवा मित्रों ने प्रभात पट्टन के नए सीईओ आदरणीय एसएस मरकाम सर जी को पौधा भेंटकर, नए जनसेवा मित्र की नियुक्ति के बारे में जानकारी दी तथा पुराने जनसेवा मित्र द्वारा किए गए 6 माह के कामों के बारे में अवगत कराया जिसमें विकास यात्रा डोर टू डोर सर्वे से लेकर लाडली बहना योजना पायलट सर्वे जनसेवा अभियान ग्राम सभाएं जैसे कार्यक्रम में जो सहभागिता की उसके बारे में जानकारी दी।

jan seva mitra

Jan Seva Mitra batch 1 & 2


मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सभी जन सेवा मित्र jan seva mitra को जमीनी स्तर से जुड़कर शासन के द्वारा मिलने वाली योजनाओं को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए बताया गया और सभी जन सेवा मित्रों को शुभकामनाएं दी इस अवसर पर मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र अजय सिंह राजपूत, राहुल कटारे, धीरज पटवारी, पूनम सहकारी, दिलासा लोखंडे, क्रांतिसविता देशमुख, सुमित सरोदे, प्रवीण साहू, दीपा देशमुख,पूनम बारमाशे साधना बनखेड़े, प्रशांत लोखंडे, अकलेश जगदेव, विपिन लघवे, रोशन कोकोड़े, अंकिता मसराम, सीमा साहू, मनीषा गावंडे, रवि भराड़े, हितेश कोलनकर, राकेश इरपाचे, भावना भालेकर, और ब्लॉक समन्वयक कन्हैया अमरूते उपस्थित थे

कल से प्रारम्भ होगी बाबा अमरनाथ जी की यात्रा

तीर्थयात्रा 62 दिनों तक चलेगी, जो 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त को समाप्त होगी।

अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई, 2023 को शुरू होने वाली है, जो दक्षिण कश्मीर हिमालय के पहाड़ों के माध्यम से श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा तीर्थ तक एक पवित्र यात्रा है। यह वार्षिक तीर्थयात्रा दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करती है जो पवित्र गुफा मंदिर के भीतर प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के लिंगम के रूप में भगवान शिव के प्रति सम्मान व्यक्त करने आते हैं।
तीर्थयात्रा 62 दिनों तक चलेगी, जो 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त को समाप्त होगी।

यहा से करे यात्रा पंजीयन –
https://jksasb.nic.in/onlineservices/register.aspx

अमरनाथ यात्रा भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की एक हिंदू तीर्थयात्रा है। यह गुफा हिमालय में 3,888 मीटर (12,756 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह यात्रा जुलाई या अगस्त के महीने में की जाती है, जब माना जाता है कि गुफा में प्राकृतिक बर्फ का जमाव एक शिवलिंग का आकार ले लेता है, जो हिंदू भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है।
अमरनाथ यात्रा भारत में सबसे लोकप्रिय तीर्थयात्राओं में से एक है, जिसमें हर साल 30 लाख से अधिक तीर्थयात्री गुफा के दर्शन के लिए आते हैं। यह यात्रा चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसमें गुफा तक एक लंबी और कठिन यात्रा शामिल है। हालाँकि, कई हिंदुओं के लिए, यात्रा के आध्यात्मिक पुरस्कार प्रयास के लायक हैं।

अमरनाथ गुफा तक जाने के दो मुख्य मार्ग हैं: पहलगाम मार्ग और बालटाल मार्ग। पहलगाम मार्ग लंबा है, लेकिन कम खड़ी भी है। बालटाल मार्ग छोटा है, लेकिन तीव्र भी है।

यात्रा आमतौर पर समूह में की जाती है, क्योंकि यह यात्रा करने का सबसे सुरक्षित तरीका है। ऐसी कई ट्रैवल एजेंसियां हैं जो समूह यात्रा यात्राएं आयोजित करती हैं।

अमरनाथ यात्रा शारीरिक और मानसिक रूप से कठिन यात्रा है। हालाँकि, जो लोग प्रयास करने के इच्छुक हैं, उनके लिए यात्रा एक गहरा फायदेमंद अनुभव हो सकती है।
अमरनाथ यात्रा इतनी कठिन क्यों है इसके कुछ कारण यहां दिए गए हैं:

ऊंचाई: गुफा 3,888 मीटर (12,756 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जिसे समायोजित करना मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो उच्च ऊंचाई के आदी नहीं हैं।
भूभाग: गुफा तक की यात्रा में पहाड़ी इलाके से होकर एक लंबी और कठिन यात्रा शामिल है। रास्ते अक्सर खड़े और फिसलन भरे होते हैं, और रास्ते में कोई सुविधाएं नहीं होती हैं।

मौसम: गुफा का मौसम बहुत अप्रत्याशित हो सकता है, और यह तेजी से बदल सकता है। तीर्थयात्रियों को गर्म, धूप वाले दिनों और ठंडी, बर्फीली रातों के लिए तैयार रहना चाहिए।
भीड़: अमरनाथ यात्रा भारत में सबसे लोकप्रिय तीर्थयात्राओं में से एक है, और मार्गों पर बहुत भीड़ हो सकती है। इससे इधर-उधर घूमना मुश्किल हो सकता है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ सकता है।
अमरनाथ यात्रा की भीड़
चुनौतियों के बावजूद, अमरनाथ यात्रा कई हिंदुओं के लिए एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव है। माना जाता है कि यह गुफा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, और कहा जाता है कि बर्फ के ढेर का दिखना परमात्मा की एक शक्तिशाली याद दिलाता है।

यह गर्व की बात कि बानमोर का टायर विदेशों तक जा रहा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मध्य प्रदेश अब बीमारू नहीं, विकसित राज्यों की पंक्ति में अग्रणी राज्य
मध्यप्रदेश अब देश में औद्योगिक निवेश का केंद्र-बिंदु
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया जेके टायर प्लांट बानमोर की क्षमता विस्तार के प्रथम चरण का उद्घाटन

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह गर्व की बात है कि बानमोर का टायर विदेशों तक जाकर विदेशी मुद्रा से देश को आर्थिक रूप से और मज़बूत बना रहा है। जेके टायर इंडस्ट्रीज़ के बानमोर प्लांट का ग्वालियर-चंबल संभाग सहित प्रदेश एवं देश के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केंद्रीय कृषि और किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मुरैना के औद्योगिक क्षेत्र बानमोर में जेके टायर इंडस्ट्रीज के 312 करोड़ की लागत के मैन्यूफ़ैक्चरिंग फेसिलिटी क्षमता विस्तार के प्रथम चरण का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज मध्य प्रदेश विकसित राज्यों की पंक्ति में अग्रणी राज्य है, हमारी औद्योगिक विकास दर लगातार 24 प्रतिशत बनी हुई है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल नीति, आवश्यक इंफ्रा-स्ट्रक्चर एवं सुरक्षित वातावरण करवाने से प्रदेश देश में उद्योगों के निवेश का केंद्र बिंदु बना हुआ है। ग्लोबल इंवेस्टर समिट में 15 लाख करोड़ से अधिक के औद्योगिक निवेश के अनुबंध हुए, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न उद्योगों का नियमित निवेश प्रदेश में आ रहा है और नवीन रोज़गार का सृजन हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश के युवाओं के स्किल डेवलपमेंट एवं रोज़गार में वृद्धि के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना प्रारंभ की जा रही है। योजना में युवाओं को विभिन्न उद्योगों में ट्रेनिंग दी जायेगी, विभिन्न ट्रेडों के दौरान उन्हें पात्रतानुसार 8 से 10 हज़ार रुपये का स्टायपेंड भी प्रदान किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के भारत को 5 ट्रिलियन इकॉनोमी बनाने के लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में हमने मध्यप्रदेश की इकॉनमी को 550 बिलियन का बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रदेश एवं देश के विकास में उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्योगों से नवीन रोज़गार का सृजन होता है,कराधान बढ़ता है जो प्रदेश और देश को आर्थिक रूप से मज़बूत करता है। जेके टायर इंडस्ट्रीज ने ग्वालियर-चंबल संभाग के आर्थिक विकास एवं बड़ी संख्या में रोज़गार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में 18 वर्षों में बीमारू राज्य के टैग को हटाकर आज प्रदेश विकसित राज्यों की पंक्ति में अग्रणी है। जेके टायर इंडस्ट्रीज़ ने प्रदेश के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान दिया है एवं देश-दुनिया में नाम बनाया है।

पूर्व मंत्री श्री रुस्तम सिंह, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष श्री रघुराज कंसाना, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिर्राज दण्डोतिया, विधायक श्री कमलेश जाटव और समाजसेवी श्री हमीर सिंह पटेल, उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया जेके टायर प्लांट का भ्रमण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केंद्रीय मंत्री द्वय श्री तोमर और श्री सिंधिया एवं जेके टायर इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री रघुपति सिंघानिया एवं श्री अंशुमन सिंघानिया के साथ प्लांट का भ्रमण किया।

रोजगार सहायकों के जीवन से अनिश्चिंतताएँ खत्म होंगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान

रोजगार सहायकों को मिलेगा 18 हजार रू. मानदेय
अवकाश सहित सेवा संबंधी कार्यों में भी मिलेंगी अनेक सुविधाएँ
प्रांतीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने की महत्वपूर्ण घोषणाएँ

भोपाल : बुधवार, जून 28, 2023, 20:24 IST

रोजगार सहायकों के जीवन से अनिश्चिंतताएँ खत्म होंगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान

रोजगार सहायकों को मिलेगा 18 हजार रू. मानदेय
अवकाश सहित सेवा संबंधी कार्यों में भी मिलेंगी अनेक सुविधाएँ
प्रांतीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने की महत्वपूर्ण घोषणाएँ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कार्य कर रहे रोजगार सहायकों के हित में आज महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब रोजगार सहायकों को मानदेय में वृद्धि सहित विभिन्न सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणाएँ

  • 1. वर्तमान में रोजगार सहायकों को मिल रहे मानदेय में वृद्धि की जाएगी। इसे दोगुना किया जाएगा। वर्तमान में 9,000 मासिक मानदेय के स्थान पर 18,000 मानदेय देने की व्यवस्था की जाएगी ।
  • 2. अब रोजगार सहायकों की सेवा आसानी से समाप्त नहीं की जा सकेगी। विभागीय जाँच/ अन्य जाँच आदि के पश्चात, आवश्यक प्रक्रिया अपनाने के बाद ही कार्यवाही होगी।
  • 3. सामान्य अवकाश सहित प्रसूति अवकाश आदि की सुविधा भी मिलेगी।
  • 4. मातृत्व अवकाश के साथ ही पितृत्व अवकाश भी प्रदान किया जाएगा ।
  • 5. पंचायत सचिव की नियुक्ति में 50 प्रतिशत स्थान रोजगार सहायकों के लिए सुरक्षित रहेंगे।
  • 6. रोजगार सहायकों को भविष्य में स्थानांतरण और नियुक्ति से संबंधित कार्यों में पंचायत सचिवों के समान ही माना जाएगा। इसके लिए आवश्यक नियम बनाए जाएंगे।

योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं रोजगार सहायक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आज शाम रोजगार सहायकों के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रोजगार सहायकों की विशेष भूमिका है। कोरोना काल में भी आम जनता और अन्य प्रदेशों के श्रमिकों को राहत देने में रोजगार सहायकों ने महत्वपूर्ण कार्य किया। एक समय मनरेगा से संबंधित कार्य के लिए दायित्व निभाने वाले रोजगार सहायकों ने मनरेगा के क्रियान्वयन को व्यवस्थित करने के बाद राशन कार्ड बनवाने, संबल योजना, आयुष्मान कार्ड बनवाने, राष्ट्रीय परिवार सहायता कार्यक्रम और लाड़ली बहना योजना से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक किया है। रोजगार सहायकों ने कम्प्यूटर सीखा और उसे चलाने में भी दक्ष बने। अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में कम्प्यूटर, लेपटॉप की सहायता लेनी होती है, फिजिकल का डिजिटल से मेल करवाने का कार्य रोजगार सहायकों ने किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिंदगी से अनिश्चितता खत्म करना आवश्यक है। रोजगार सहायक मेरे लिए विशेष हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस तरह रामेश्वरम से लंका तक सेतु बंध बनाए गए थे आज रोजगार सहायक भी नल और नील जैसी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। सेतु निर्माण में गिलहरियों ने भी योगदान दिया था। ऐसे कार्यों में योगदान देने वाला प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है।

रोजगार सहायकों ने विकास में सहयोगी बनने का संकल्प लिया

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा रोजगार सहायकों के हित में महत्वपूर्ण घोषणाएँ किये जाने पर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद समस्त रोजगार सहायकों ने एक साथ प्रसन्न स्वर से मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया और प्रदेश के विकास में समर्पित भाव से सहयोग करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसौदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री राम खेलावन पटेल, सामान्य वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री रमेशचन्द्र शर्मा, मध्यप्रदेश रोजगार सहायक संगठन के अध्यक्ष श्री रोशन सिंह परमार, श्री संजय सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मलय श्रीवास्तव उपस्थित थे।

प्रदेश में 33 सीएम राइज विद्यालयों के लिये 1335 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना के लिये 1700 करोड़ रूपये की स्वीकृति
विद्युत वितरण कंपनियों के लिये 24 हजार करोड़ रूपये से अधिक सब्सिडी की स्वीकृति
दीनदयाल रसोई योजना में मिलेगा अब 5 रूपये प्रति थाली भोजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

भोपाल : बुधवार, जून 28, 2023, 17:40 IST

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज समत्व भवन में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में 33 सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के लिये अनुमानित लागत 1335 करोड़ 20 लाख रूपये में निर्माण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। सी.एम. राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 विद्यालय विकसित किये जा रहे हैं। इनमें से 33 विद्यालयों के निर्माण के लिये डी.पी.आर तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष 20 मार्च 2023 को प्रस्तुत किये गये।

विद्युत वितरण कंपनियों के लिये 24 हजार करोड़ रूपये से अधिक सब्सिडी की स्वीकृति

मंत्रिपरिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये अटल गृह ज्योति योजना में स्वीकृत सब्सिडी एवं विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को सब्सिडी देते हुए इसके एवज में विदयुत वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। कंपनियों को विभिन्न श्रेणियों में 24 हजार 196 करोड़ 47 लाख रूपये की सब्सिडी स्वीकृति दी गई।

मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के लिये 1700 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् ने प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में अधो-संरचना विकास के लिए “मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना” चतुर्थ चरण को दो वर्षों (वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25) के लिए राशि रू. 1700 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की। योजना में सड़क निर्माण तथा अनुषांगिक कार्य, शहरी यातायात सुधार, नगरीय सौन्दर्यीकरण, सामाजिक एवं खेल अधोसंरचनाएँ, उद्यान विकास सम्बन्धी कार्यों के साथ ही निकाय के कार्यालय भवन निर्माण/ उन्नयन के कार्य किये जा सकेंगे। योजना का क्रियान्वयन विभागीय मार्गदर्शन में नगरीय निकायों द्वारा किया जायेगा। इस योजना के लागू किये जाने से, विभिन्न शहरों में आवश्यक अधोसंरचनाएँ उपलब्ध हो सकेंगीं।

6 जिलों में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् द्वारा खरगोन, धार, भिण्ड, बालाघाट, टीकमगढ़ तथा सीधी जिलों में 100 एम.बी.बी.एस सीट प्रवेश क्षमता के नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने के लिये सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र की जनता को तृतीयक स्तर की चिकित्सकीय सुविधाएँ उपलब्ध होने के साथ-साथ प्रदेश के छात्रों के लिये चिकित्सा क्षेत्र की 600 एम.बी.बी.एस. सीट की वृद्धि होगी।

 भोज वेटलैंड की 1097.11 हेक्टेयर भूमि पर्यावरण वानिकी वनमंडल भोपाल को हस्तांतरित करने की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् ने भोज वेटलैंड भोपाल की 1097.11 हेक्टेयर भूमि जो वर्तमान में भोज वेटलैंड, प्रशासक राजधानी परियोजना प्रशासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आधिपत्य में है, में से बड़ा तालाब एवं उसके जल भराव क्षेत्र को छोड़कर और व्ही.आई.पी. रोड़ को 8 लेन करने हेतु नवीन एकरेखण में आने वाली भूमि को छोड़ कर शेष भूमि को संयुक्त सीमाकंन के पश्चात पर्यावरण वानिकी वनमंडल भोपाल कोहस्तान्तरित करने का निर्णय लिया है।

यह भी निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश वृक्षों का परीक्षण (नगरीय क्षेत्र) अधिनियम 2001 की धारा 4 में प्रावधान अनुसार उक्त भूमि के भारसाधक वन क्षेत्रपाल को वृक्ष अधिकारी नियुक्त किया जाये। भविष्य में अन्य वृक्षारोपण क्षेत्रों को हस्तांतरित करने की स्थिति निर्मित होने पर मुख्य सचिव, संबंधित विभागों की आपसी सहमति से क्षेत्र हस्तांतरण करने के संबंध में निर्णय लेंगें।

दीनदयाल रसोई योजना में मिलेगा अब 5 रूपये प्रति थाली भोजन

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय एवं श्रम कार्यों के लिये ग्रामीण क्षेत्रों से जरूरतमंद व्यक्तियों और परिवारों का आगमन होता है। शासन द्वारा प्रदेश के 55 नगरीय निकायों के 119 रैन बसेरा/ आश्रय-स्थलों में इनके लिये अस्थाई आश्रय तथा दीनदयाल रसोई योजना के प्रथम चरण 07 अप्रैल, 2017 से प्रदेश के 51 नगरीय निकायों के 56 रसोई केन्द्रों में किफायती दरों पर पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है।

कोविड-19 महामारी के समय रसोई केन्द्रों की महत्ता भी प्रदर्शित हुई। इसलिये 26 फरवरी, 2021 को रसोई योजना के द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों तथा 06 धार्मिक नगरों मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा एवं चित्रकूट में कुल 100 रसोई केंद्रों का संचालन आरंभ किया गया था। योजना में प्रत्येक जरूरतमंद को रूपये 10 प्रति व्यक्ति की दर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है। अब तक 01 करोड़ 62 लाख थालियों का वितरण किया जा चुका है।

योजना में पूर्व में स्थापित 100 रसोई केन्द्रों के अतिरिक्त, 20 नवीन स्थाई रसोई केन्द्र तथा ऐसे लोगों की मदद के लिये जो स्थाई रसोई केंद्रों पर नहीं पहुंच पाते हैं, उनके लिये 16 नगर निगमों तथा पीथमपुर एवं मण्डीदीप में कुल 25 नवीन चलित रसोई केन्द्र, इस प्रकार कुल 45 नवीन रसोई केन्द्र खोले जाने एवं मात्र रुपए 5 प्रति व्यक्ति की दर से रसोई में भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा लिया गया है।

“प्राइस सपोर्ट स्कीम” में मंडी एवं निराश्रित शुल्क की छूट की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद व्दारा केंद्र/राज्य शासन की संस्थाओं द्वारा भारत सरकार की “प्राइस सपोर्ट स्कीम” में प्रदेश के कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिसूचित कृषि उपज के उपार्जन पर मंडी शुल्क की छूट के साथ में निराश्रित शुल्क के भुगतान पर भी छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्राइस सपोर्ट स्कीम में वर्ष 2022 (विपणन मौसम 2022-23) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूँग एवं ग्रीष्मकालीन उड़द पर भी निराश्रित शुल्क में छूट प्रदान की गई है।

  सिंचाई परियोजना के लिये 190 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा सीप-अम्बर काम्पलेक्स सिंचाई परियोजना फेस-2 लागत राशि 190 करोड़ 11 लाख रूपये सैंच्य क्षेत्र 13 हजार 457 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना से सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील के 24 ग्रामों की 13 हजार 457 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की निरंतरता को मंजूरी

मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रदेश में 19 अगस्त 2013 से संचालित मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की महत्ता को देखते हुए योजना को 31 मार्च, 2019 के पश्चात से निरंतर बनाये रखते हुए आगामी पाँच वर्ष तक निरंतर संचालित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।

केला फसल क्षति की राहत राशि में वृद्धि

मंत्रि-परिषद द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ. क्रमांक 4 के परिशिष्ट-1 (एक) (ख) की तालिका में केले की फसल हानि पर वर्तमान में आर्थिक अनुदान सहायता के लिए निर्धारित मापदण्डों में संशोधन को मंजूरी दी गयी। केला की फसल में 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि, 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर 54 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि एवं 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 2 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि करने की स्वीकृति दी गई। आर्थिक अनुदान सहायता राशि की अधिकतम देय सीमा 3 लाख रूपये के स्थान पर 6 लाख रूपये से अधिक नहीं होगी।

अन्य निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा राजस्व विभाग की वार्ड क्र. 05, ग्राम- तिलिमाफ़ी, जिला सागर, स्थित पार्ट-बी भूमि परिसम्पत्ति जिसका खसरा क्रमांक 147/1/1/1/1 कुल रकबा 3000 वर्गमीटर के निर्वर्तन के लिये H-1 निविदाकार तथा वार्ड क्र 13, सुसनेर, जिला आगर मालवा, म. प्र. स्थित भूमि परिसम्पत्ति खसरा क्रमांक 1859/4, कुल रकबा 1760 वर्गमीटर के H-1 निविदाकार एवं कुटीर एवं ग्रामोद्योग की ब्लॉक-2, ग्राम एहसानपुरा, तहसील सारंगपुर, जिला-राजगढ़ भूमि परिसम्पत्ति सर्वे क्रमांक 58 कुल रकबा 8550 वर्गमीटर, के H-1 निविदाकार की संस्तुति करते हुए उसे विक्रय करने एवं निविदा राशि का 100% जमा करने के बाद अनुबंध / रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।

डेढ़ दशक में जन-सहयोग से विकसित राज्य के रूप में उभरा मध्यप्रदेश

डेढ़ दशक में जन-सहयोग से विकसित राज्य के रूप में उभरा मध्यप्रदेश

डेढ़ दशक में जन-सहयोग से विकसित राज्य के रूप में उभरा मध्यप्रदेश

देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश ने पिछले डेढ़ दशक में विकास के नये आयाम स्थापित कर विकसित राज्य की पहचान बना ली है। मध्यप्रदेश की सुशासन और विकास रिपोर्ट-2022 के अनुसार राज्य में आए बदलाव से मध्यप्रदेश बीमारू से विकसित प्रदेशों की पंक्ति में उदाहरण बन कर खड़ा हुआ है। इस महती उपलब्धि में प्रदेश में जन-भागीदारी से विकास के मॉडल ने अहम भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल नेतृत्व में केन्द्र और राज्य की डबल इंजन सरकार ने मध्यप्रदेश को अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय बना दिया है। इस अरसे में सड़क, बिजली, पानी, कृषि, पर्यटन, जल-संवर्धन, सिंचाई, निवेश, स्व-रोजगार और अधो-संरचना विकास के साथ उन सभी पहलुओं पर सुविचारित एवं सर्वांगीण विकास की नवीन गाथा लिखी गई जो जन-कल्याण के साथ विकास के लिये जरूरी हैं।

बेहतर वित्तीय प्रबंधन और चौतरफा विकास से आज प्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश 4.6 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में बीते दशक में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मध्यप्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर निरंतर बढ़ रही है। वर्ष 2001-02 में 4.43 प्रतिशत की दर आज बढ़ कर 16.43 प्रतिशत हो गई है प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 71 हजार 594 करोड़ रूपये से बढ़ कर 13 लाख 22 हजार 821 रूपये हो गया है। वर्ष 2001-02 में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार 718 रूपये थी, जो वर्ष 2022-23 में बढ़ कर एक लाख 40 हजार 583 रूपये हो गई है। राज्य की जीएसडीपी की वृद्धि दर विगत एक दशक में राष्ट्रीय जीडीपी वृद्धि दर से अधिक रही है।

विकास प्रक्रिया में अधो-संरचना के महत्व के मद्देनजर मध्यप्रदेश में निरंतर अधो-संरचना विकास हो रहा है। अधो-संरचना बजट जो वर्ष 2002-03 में 3873 करोड़ रूपए था, वह वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 56 हजार 256 करोड़ रुपए हो गया है। एक समय था जब बिजली आती कम थी और जाती ज्यादा थी। आज प्रदेश बिजली क्षेत्र में आत्म-निर्भर है और 24 घंटे बिजली की उपलब्धता है। वर्ष 2003 में ऊर्जा क्षमता 5173 मेगावाट थी, जो बढ़ कर 28 हजार मेगावाट हो गई है।

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश अग्रणी है। ओंकारेश्वर में लगभग 3500 करोड़ के निवेश से 600 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर सोलर पॉवर प्लांट का कार्य प्रारंभ हो गया है। किसानों के खेतों में 50 हजार सोलर पंपों की स्थापना का लक्ष्य है। विश्वधरोहर साँची बहुत जल्द सोलर सिटी के रूप में विकसित होकर देश में अपनी अलग पहचान बनायेगा।

अच्छी सड़कें विकास की धुरी होती है। एक समय था, तब यह पता ही नहीं चलता था कि सड़क में गड्डे हैं या गड्डे में सड़क है। अब गाँव-गाँव, शहर-शहर अच्छी गुणवत्तायुक्त सड़कों का जाल बिछाया गया हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2001-02 में 44 हजार किलोमीटर सड़कें थी, अब 4 लाख 10 हजार किलोमीटर सड़कें बन गई हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में लगभग 1500 किलोमीटर लंबाई के 40 हजार करोड़ की लागत के 35 कार्य स्वीकृत हैं। अटल, नर्मदा और विंध्य प्रगति पथ के साथ मालवा, बुंदेलखंड और मध्य विकास पथ निर्मित किए जा रहे हैं।

प्रदेश में सभी रेलवे क्रॉसिंग समाप्त करने के लिए 105 रेलवे ओवर ब्रिज के साथ 334 पुलों का निर्माण हो रहा है। साथ ही 86 हजार करोड़ से अधिक की रेल परियोजनाओं के कार्य चल रहे हैं। वर्ष 2009 से 2014 के बीच जहाँ प्रदेश को औसतन 632 करोड़ रूपए का रेलवे बजट मिलता था, वहीं वर्ष 2022-23 में 13 हजार 607 करोड़ का रेलवे बजट प्रावधान मिला है, जो इक्कीस गुना अधिक है। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना में प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशन विश्व स्तरीय बनाए जाएंगे। अत्याधुनिक रानी कमलापति स्टेशन देश में एक मॉडल बना है। एक वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ हो चुकी है और आज प्रधानमंत्री श्री मोदी मध्यप्रदेश को 2 और वंदे भारत ट्रेन की सौगात देने वाले हैं। प्रदेश में हवाई सेवाओं का विस्तार भी निरंतर हो रहा है।

प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाना के लिए सिंचाई क्षमताओं का निरंतर विकास किया जा रहा है। वर्ष 2003 में सिंचाई क्षमता केवल 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2022 में बढ़ कर 45 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है। वर्ष 2025 तक सिंचाई क्षमता को बढ़ा कर 65 लाख हेक्टेयर किये जाने पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। हर घर जल से नल योजना पर तेज गति से कार्य हो रहा है, अभी तक लगभग 50% घरों तक नल से जल पहुँच चुका है। आजादी के अमृत काल में प्रदेश में अब तक 5936 से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण किया जा चुका है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रथम चरण में बांध, लिंक नहर तथा पॉवर हाउस का निर्माण कार्य इस वर्ष प्रारंभ होगा। अटल भू-जल योजना में भी लगभग 700 ग्राम पंचायतों में वॉटर सिक्युरिटी प्लान बनाए गए हैं।

अधो-संरचना विकास और बेहतर वित्त प्रबंधन के साथ कृषि प्रधान होने की वजह से प्रदेश में तेज गति से कृषि विकास और किसान-कल्याण के कार्य भी किए जा रहे हैं। लगातार 7 बार प्रतिष्ठित कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने वाले मध्यप्रदेश ने गेहूँ उपार्जन में पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है। प्रदेश का सोने जैसे दानों वाला गेहूँ अमेरिका सहित अनेक देशों में निर्यात होता है। अब इसके निर्यात के लिए प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं। प्रदेश में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई गई है। कृषि विकास दर जो वर्ष 2002-03 में 03 प्रतिशत थी, वह वर्ष 2020-21 में बढ़ कर 18.89 प्रतिशत हो गई है। खेती और एलाइड सेक्टर का बजट भी 600 करोड़ से बढ़ कर 53 हजार 964 करोड़ हो गया। खाद्य उत्पादन भी इस अवधि में 159 लाख मीट्रिक टन से बढ़ कर 619 लाख मीट्रिक टन हो गया है।

उद्यानिकी फसलों का रकबा 4 लाख 67 हजार हेक्टेयर से बढ़ कर 25 लाख हेक्टेयर हो गया है। फसल उत्पादन 224 लाख मीट्रिक टन से बढ़ कर 725 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो गया है। फसल उत्पादकता 1195 किलोग्राम से बढ़ कर 2421 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई है। किसान-कल्याण के ध्येय से प्रदेश में गत 3 वर्षों में फसलों की नुकसानी पर 4000 करोड़ से अधिक की राहत राशि वितरित की गई है। प्रदेश के 11 लाख से अधिक डिफाल्टर किसानों का 2123 करोड़ का ब्याज माफ करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना प्रारंभ की गई है। पिछले 3 वर्षों में किसानों को विभिन्न शासकीय योजनाओं में 2 लाख 69 हजार 686 करोड़ रुपये से अधिक के हितलाभ वितरण किए गए हैं। फसल क्षति प्रतिपूर्ति दरों में भी कई गुना वृद्धि की गई है।

अधो-संरचना, खेती-किसानी तथा किसान-कल्याण के क्षेत्र में प्रदेश की प्रगति और विकास की यह कहानी तो एक बानगी है। प्रदेश में पिछला डेढ़ दशक हर क्षेत्र में प्रगति, विकास और लोगों की तरक्की-खुशहाली का गवाह है।

जानिये अपने राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का जीवन परिचय

जीवन परिचय

श्री शिवराज सिंह चौहान

जन्म 5 मार्च 1959, पिता स्व. श्री प्रेम सिंह चौहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चौहान। वर्ष 1992 में श्रीमती साधना सिंह के साथ विवाह। स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा। सन् 1975 में मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष। आपात काल का विरोध और 1976-77 में भोपाल जेल में निरूद्ध। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन और जेल यात्राएं। सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक।

सन् 1977-78 में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के संगठन मंत्री। सन् 1978 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

श्री चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। वे 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने।

श्री चौहान 1991-92 मे अखिल भारतीय केसरिया वाहिनी के संयोजक तथा 1992 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने। सन् 1992 से 1994 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव नियुक्त। सन् 1992 से 1996 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक श्रम और कल्याण समिति तथा 1994 से 1996 तक हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य रहे।

श्री चौहान 11 वीं लोक सभा में वर्ष 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-97 में नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति, मानव संसाधन विकास विभाग की परामर्शदात्री समिति तथा नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार 12 वीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-99 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1999 में विदिशा से चौथी बार 13 वीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।

सन् 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। श्री चौहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। श्री शिवराज सिंह चौहान पाँचवीं बार विदिशा से 14वीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे।

श्री चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये।

श्री चौहान को 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। श्री चौहान को 10 दिसम्बर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। श्री चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के निर्वाचन में भी श्री चौहान के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की। श्री चौहान को 165 सदस्यीय भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने तीसरी बार सर्वसम्मति से अपना नेता चुना। श्री चौहान ने 14 दिसम्बर 2013 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में लगातार तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। श्री चौहान 16 दिसंबर 2018 तक मुख्यमंत्री रहे।

श्री शिवराज सिंह चौहान दिसंबर 2018 के विधानसभा निर्वाचन मे बुधनी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। श्री चौहान ने 23 मार्च 2020 को प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।

स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत अद्भुत एवं जुझारू नेता थे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मांगरोल पहुंचकर स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत की प्रतिमा का किया अनावरण मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 66 करोड़ 47 लाख 44 हजार रूपये की लागत से विकास कार्यो का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया

मुरैना 29 जून 2023/मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को सबलगढ़ पहुंचे। जहां, उन्होंने भारी बरसात में स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत के गांव पहुंचकर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। मौके पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे। स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम का आयोजन सबलगढ़ मंडी प्रांगण में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 66 करोड़ 47 लाख रूपये की लागत से भूमिपूजन एवं विकास कार्यो का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत अद्भुत एवं जुझारू नेता थे। वे विधायक के पूर्व पंच, सरपंच और मीणा समाज के अध्यक्ष भी रहे। सबलगढ़ उनके रोम-रोम में बसा हुआ था। वे जीते थे, तो सबलगढ़ के लिये और चलते-फिरते थे तो सबलगढ़ के विकास के लिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के जो कार्य उनके रहते हुये नहीं हुये थे, वे कार्य शिवराज सिंह चौहान करेगा। श्री मेहरवान सिंह जी की स्मृति, मन मस्तिष्क में बनी रहे, उनका नाम, व्यक्तित्व और उनका कृतित्व सच-मुच अमर रहा है। आज मैं ग्राम मांगरौल के हायर सेकेण्डरी स्कूल का नाम मेहरवान सिंह रावत करने की घोषणा करता हूं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह हमारा परम कर्तव्य है कि मेहरवान सिंह आज यहां नहीं है, लेकिन आज हमने यहां मुख्यमंत्री राइज स्कूल का भूमिपूजन किया है। यहां स्कूल गरीब, किसानों के बेटा-बेटियों के लिये वरदान साबित होगा। इस स्कूल में बड़े से बड़े प्रायवेट स्कूलों से बेहतर शिक्षा दी जायेगी। इस स्कूल की शिक्षा से किसान और गरीबों के बेटा-बेटियां वैज्ञानिक, चिकित्सक, इंजीनियर एवं उच्च पदों पर बैठ सकेंगे। मौके पर भारी संख्या में बहनों की उपस्थिति में खुशी जाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियां ही दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती है। उनके कल्याण के लिये लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना योजना शुरू की है। हम बहनों के खातों में एक हजार रूपये डालकर उन्हें सशक्त कर रहें है। बहनों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है। 1 लाख भर्ती की जा रही है। इसके पूर्व केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत के अमर रहे के नारे लगाते हुये कहा कि आज सबलगढ़ में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता तरूण चुघ सहित देश-प्रदेश से आये लोग अपने-अपने श्रृद्धासुमन स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत को अर्पित कर रहें है। स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत निष्ठावान कार्यकर्ता थे। हम सभी को उनके समर्पण, निष्ठा से सीख लेना चाहिये। श्री मेहरवान सिंह के चरित्र, उनका जीवन, कार्यशैली हम सबके लिये प्रेरणास्प्रद है। वे अपनी बात को दृणता पूर्वक ही नहीं है, बल्कि चार बार रखने में संकोच नहीं करते थे। लेकिन जब कोई निर्णय उनकी बात पर हो जाता था, तब उस निर्णय का पालन करने का कार्य श्री मेहरवान सिंह रावत द्वारा शत-प्रतिशत किया जाता था। श्री तोमर ने कहा कि जब मैं चुनाव लड़ने के लिये आया तो उन्होंने सड़क, सीमेंट, खरंजा, नालियों की बात लोगों से नहीं की, बल्कि उनकी सोच अटार घाट, उसैथघाट जैसे पुल बनाने की बात रही। श्री तोमर ने कहा कि अटार घाट के पुल बन जाने से अब लोगों बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा जाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब अटारघाट पुल बन जाने से करौली जाने का रास्ता सुगम हो गया है। पुल का उद्घाटन 4 जुलाई को केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री द्वारा किया जायेगा। 2 उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 40 करोड़ रूपये की लागत से सीएम राइज स्कूल, 65 करोड़ रूपये की लागत से सेमई से विजयपुर सड़क का भूमिपूजन और आज ही विजयपुर में मुख्यमंत्री ने चेंटीखेड़ा डैम का भूमिपूजन किया। इस डैम से रामपुर की सिंचाई एवं पेयजल की समस्या खत्म होगी। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज महत्वपूर्ण दिन है, कि आज हम स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत की स्मृति में उन्हें याद कर रहें है। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार के साथ सबलगढ़ का खून का रिश्ता रहा है। श्री मेहरवान सिंह रावत एक ऐसे सिपाही थे, जो जनता की लड़ाई लड़ते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में एक अमिट छाप जनता जनार्दन के बीच छोड़ी थी, वे जनता के रग-रग में समाये थे। आज उनकी स्मृति में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, वरिष्ठ नेता श्री तरूण चुघ सहित अन्य नेतागण उनकी स्मृति में श्रृद्धासुमन अर्पित करने के लिये उपस्थित है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज िंसंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने श्री रूद्र महा यज्ञ के सुअवसर पर भूमिपूजन किया। यह रूद्र महायज्ञ 31 जुलाई से 8 अगस्त तक मंडी प्रांगण सबलगढ़ में चलेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत की धर्मपत्नि श्रीमती रेखा रावत को बुके भेंटकर उनका शॉल, श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम के अंत में स्व. श्री मेहरवान सिंह रावत की पुत्रवधु श्रीमती सरला रावत ने मेहरवान सिंह रावत की प्रतिमा (तस्वीर) को मुख्य अतिथियों को सप्रेम भेंट किया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन संयुक्त कलेक्टर श्री एलके पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम का संचालन श्री सुधीर आचार्य ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन से किया गया। कार्यक्रम में जौरा विधायक श्री सूवेदार सिंह रजौधा, अम्बाह विधायक श्री कमलेश जाटव, एमपी एग्रो के अध्यक्ष श्री ऐदल सिंह कंषाना, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिर्राज डंडोतिया, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती आरती गुर्जर, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता, कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना, पुलिस अधीक्षक श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान, जिला पंचायत के सीईओ डॉ. इच्छित गढ़पाले, जनपद अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, सरपंच, पार्षद, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में मुरैना जिले के महिला, पुरूष, अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।

एमपी ट्रांसको ने जुलवानिया में स्थापित किया 160 एमव्हीए क्षमता का अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर

निमाड़ क्षेत्र की पारेषण क्षमता को मिली मजबूती

एमपी ट्रांसको (मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी) ने निमाड़ क्षेत्र में अपनी ट्रांसफारमेशन क्षमता में बढ़ोत्तरी करते हुए 220 के व्ही सबस्टेशन जुलवानिया में 160 एमव्हीए क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर को ऊर्जीकृत किया है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि इस ट्रांसफार्मर के कार्य को 16.20 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से स्थापित कर ऊर्जीकृत किया गया है। इससे 220 के व्ही सबस्टेशन जुलवानिया की क्षमता बढ़कर 403 एमव्हीए की हो गयी है तथा बड़वानी जिले की ट्रांसफारमेशन क्षमता बढ़कर 2019 एम व्ही ए की हो गयी है। श्री तोमर ने बताया कि इस ट्रांसफार्मर के स्थापित होने से निमाड़ क्षेत्र की पारेषण क्षमता को मजबूती मिली है। इससे विद्युत उपभोक्ताओं को भरोसेमंद उच्च गुणवत्तापूर्ण विद्युत सप्लाई समुचित वोल्टेज पर उपलब्ध रहेगी।

9 सबस्टेशनों के माध्यम से विद्युत पारेषण होता है बड़वानी जिले में

एमपी ट्रांसको के अधीक्षण अभियंता खंडवा श्री वाय.के. माथुर ने बताया कि बड़वानी जिले में एमपी ट्रांसको 400 केव्ही के 1 सबस्टेशन जुलवानिया, 220 केव्ही के 2 सबस्टेशन सेंधवा एवं जुलवानिया तथा 132 केव्ही के 6 सबस्टेशनों सेंधवा, पाटी, पानसेमल, बड़वानी, अंजड़, और शाहपुरा (बड़वानी) से विद्युत पारेषण करती है। इनकी कुल क्षमता 2019 एमव्हीए की है।