MP RUK JANA NAHI YOJNA RESULT 2024

MP RUK JANA NAHI YOJNA RESULT 2024

मध्यप्रदेश रुक जाना नही योजना रिजल्ट 2024

मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (MPSOS) द्वारा MP RUK JANA NAHI YOJNA RESULT 2024 विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। विद्यार्थी MPSOS की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते है। रिजल्ट डाउनलोड करने की डायरेक्ट लिंक इसी पोस्ट में आगे शेयर की गई है। MPSOS द्वारा बारहवीं कक्षा की परीक्षा का आयोजन 20 मई 2024 से और दसवीं कक्षा की परीक्षा का आयोजन 21 मई 2024 को किया गया था।

MP RUK JANA NAHI YOJNA RESULT 2024

मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (MPSOS) द्वारा रुक जाना नहीं योजना और आ लौट चले योजना का परीक्षा का आयोजन किया गया था। विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर ही रिजल्ट भी जारी कर दिया गया है। आवेदक रोल नंबर के द्वारा अपनी कक्षा के अनुसार दसवीं या बारहवीं का रिजल्ट डाउनलोड कर सकते है।

MP RUK JANA NAHI YOJNA RESULT 2024 : ऐसे देखे अपना रिजल्ट

MP RUK JANA NAHI YOJNA RESULT 2024
MP RUK JANA NAHI YOJNA RESULT 2024
  • सबसे पहले आपको MPSOS की ऑफिसियल वेबसाइट https://www.mpsos.nic.in/ पर जाना होगा।
  • वेबसाइट के होम पेज पर रिजल्ट की लिंक दी गई है।
  • जैसे ही आप रिजल्ट पर क्लिक करेंगे आपके सामने रुक जाना नहीं योजना रिजल्ट लिंक आ जाएगी।
  • अब आपको Ruk Jana Nahi MP Result 2024 पर क्लिक करना है।
  • अब अपनी कक्षा को चुनकर रोल नंबर के द्वारा रिजल्ट डाउनलोड करे।

कक्षा 10 वी का रिजल्ट देखने के लिए यहा क्लिक करे – क्लिक करे

कक्षा 12 वी का रिजल्ट देखने के लिए यहा क्लिक करे – क्लिक करे

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Karnataka Elections 2023: बेटे बी. वाई. विजयेंद्र कहां से लड़ेंगे चुनाव, येदियुरप्पा ने किया खुलासा

शिवमोगा (कर्नाटक). कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि उनके बेटे बी. वाई. विजयेंद्र 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की शिकारीपुरा सीट से मैदान में उतरेंगे. येदियुरप्पा विधानसभा में छह बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता ने अपने बेटे को मैसूर के वरुणा से कांग्रेस के दिग्गज सिद्धरमैया के खिलाफ मैदान में उतारने की संभावना से एक बार फिर इनकार किया. प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष विजयेंद्र ने शिकारीपुरा सीट से चुनाव लड़ने के लिए लोगों से आशीर्वाद मांगा.

येदियुरप्पा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘विजयेंद्र पर वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का दबाव था, लेकिन मैंने तय किया कि उन्हें शिकारीपुरा से चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि यही वह निर्वाचन क्षेत्र था, जिसने मुझे राजनीतिक जीवन में पहचान और सम्मान दिलाया.’ येदियुरप्पा का बयान तब आया जब भाजपा के केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने अभी तक उम्मीदवारों की सूची को मंजूरी नहीं दी है. केंद्रीय संसदीय बोर्ड पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है, जिसके येदियुरप्पा सदस्य हैं. विजयेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि उनके पिता ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में हमेशा हर धार्मिक समुदाय को साथ लिया.

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विजयेंद्र ने कहा कि अगर येदियुरप्पा राजनीतिक रूप से बढ़े हैं तो यह शिकारीपुरा में उनके कार्यकर्ताओं के काम के कारण. उन्होंने कहा कि न तो येदियुरप्पा और न ही उनके परिवार के सदस्य उनके (येदियुरप्पा के) आगे बढ़ने में लोगों के योगदान को कभी भूल सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं यहां आप सभी से अपील करने आया हूं कि आने वाले दिनों में मुझे सेवा का मौका दें.’ उन्होंने कहा कि वह समाज के सभी समुदायों को साथ लेकर चलेंगे. पिछले हफ्ते, येदियुरप्पा ने संकेत दिया कि उनका बेटा वरुणा से चुनाव लड़ सकता है, लेकिन अगले ही दिन उन्होंने इस संभावना से इनकार कर दिया था.

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Tags: BJP, BS Yediyurappa, Karnataka, Karnataka Assembly Elections

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 18:54 IST

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Rajasthan BJP: सीपी जोशी के फरमान से मचा हड़कंप, कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत, नो स्लोगन-नो पब्लिसिटी

हाइलाइट्स

राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी का नया आदेश
सीपी जोशी ने कार्यकर्ताओं को कहा व्यक्तिगत नारे ना लगाएं
व्यक्तिगत नारों से पार्टी धड़ों में बंट जाती है और चुनाव में नुकसान होता है

जयपुर. राजस्थान बीजेपी (Rajasthan BJP) में अब पार्टी आलाकमान के संदेशों की गूंज साफ सुनाई देने लगी है. नए प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) के फरमान के बाद नेताओं के लिए खुद के नारे लगवाना मुसीबत का सबब बन सकता है. प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी संभालने के आठ दिन में ही सीपी ने नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं को भी कड़ी नसीहत दे डाली है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नो स्लोगन, नो पब्लिसिटी प्लीज. काम करो, नाम की चिंता न करो.

27 मार्च को प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए सीपी जोशी के सामने जब कार्यकर्ता नारे लगाने लगे तब उन्होंने उनको दो टूक शब्दों में सख्त हिदायत दे डाली. उसमें भावुकता भी थी तो प्रदेश अध्यक्ष के कड़े निर्देश भी. सीपी ने जोशीले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि
मुझे जिंदा देखना चाहते हो तो मेरा आज के बाद नारा मत लगाना. अगर नारे ही लगाने हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अमित शाह, जेपी नड्डा और बीजेपी जिंदाबाद के साथ भारत माता के नारे ही लगने चाहिए. इसके अलावा और कोई भी नारा नहीं लगना चाहिए. सोमवार को टोंक में भी बीजेपी स्टेट चीफ सीपी जोशी ने अपना बयान दोहराया और कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत नारे लगाने से साफ मना कर दिया.

चुनावी साल में सीपी के नये फरमान के मायने क्या
सीपी को पार्टी आलाकमान की ओर से गुटबाजी से बचने के साफ निर्देश दिये गये हैं. दिल्ली दरबार का साफ संदेश है कि खुद कार्यकर्ता की तरह काम करो. होर्डिंग बैनर, पोस्टर और नारों से बचे रहो तभी लंबे वक्त तक राजनीति की मुख्यधारा में रह पाओगे. सीपी पौने नौ साल से सांसद हैं. वो दिल्ली की नब्ज भली भांति जानते हैं. नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की वर्किंग को करीब से देखा है. बीजेपी को सूबे की सत्ता में लौटना है. उसके बाद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी को फिर पीएम बनाना है.

आपके शहर से (जयपुर)

नारों से पार्टी धड़ों में बंट जाती है और चुनाव में नुकसान होता है
इसलिए बीजेपी ने जो लक्ष्य तय किये हैं उनमें नेताओं के नारों का भी मसला है. नारे एकता कम करते हैं और गुटबाजी को बढ़ावा देते हैं. नेताओं के कार्यकर्ता अपने नेता को बड़ा बनाने के फेर में प्रतिस्पर्धा पर उतर आते हैं. नतीजा पार्टी धड़ों में बंट जाती है और देर सवेर चुनावों में इसका नुकसान उठाना पड़ता है. सीपी को दिल्ली दरबार की उम्मीदों पर खरा उतरना है. विवादों से बचना है. इसलिए उन्हें केंद्र की लोक कल्याणकारी योजनाओं में बीजेपी की भलाई दिखती है. इससे एक पंथ दो काज होंगे. एक तो दिल्ली तक मैसेज पॉजीटिव पहुंचेगा और पार्टी गुटबाजी से भी बची रहेगी.

पीएम मोदी को सिर्फ काम पसंद है
नये दौर की बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी सबसे बड़े किरदार हैं. उन्हें नाम की बजाय काम पसंद हैं. अमित शाह ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में बीजेपी को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का सम्मान दिलाया तो अब जेपी नड्डा इसे जन जन की पार्टी बनाने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. पूरा देश भाजपामय है और संगठन की मजबूती ही इस पार्टी की सबसे बड़ी ताकत. जाहिर है सीपी दिल्ली के संदेश को पार्टी के ग्रास रूट के कार्यकर्ता तक पहुंचाकर मिशन 2023 की तैयारी में जुट गए हैं. इसमें प्रदेश नेतृत्व से लेकर पन्ना प्रमुख तक एकमुखी होकर बीजेपी को अजेय बनाने का संकल्प लेते दिखेंगे. बीजेपी में अब युवा नेताओं का दौर है. उन्हें पार्टी ने हवा में नहीं जमीन पर चलना सिखाया जा रहा है. सीपी भी अपनी एक ऐसी इमेज गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें वो काम के प्रदेशाध्यक्ष बनना चाहते हैं नाम के नहीं.

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Tags: Jaipur news, Rajasthan bjp, Rajasthan news, Rajasthan Politics

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:11 IST

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Turkey Earthquake: मलबे से 5 दिन बाद निकला था यह बच्चा, अब 54 दिन बाद सामने आई मां, जानें कैसे हुआ ये चमत्कार?

तुर्की. पिछले महीने तुर्की में आए भीषण भूकंप के बाद मलबे के नीचे दबे रहने के लगभग 128 घंटे बाद बचाए गए ‘चमत्कारिक बच्चे’ ने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का दिल जीत लिया था. हालांकि, इस बीच उसकी मां की मौत की खबर सामने आ रही थी, लेकिन 54 दिनों के बाद अब पता चला है कि इस मासूम बच्चे की मां जिंदा है. यूक्रेन के मंत्री एंटोन गेराशचेंको ने सोमवार को इसको लेकर जानकारी साझा की है. डीएनए रिपोर्ट से उसके असली मां होने की पुष्टि की जा चुकी है.

यूक्रेन के मंत्री एंटोन गेराशचेंको ने बच्ची की मां के सामने आने को लेकर एक पोस्ट साझा कर कहा, ‘आपको उस बच्चे की यह तस्वीर याद होगी जिसने तुर्की में भूकंप के बाद मलबे के नीचे 128 घंटे बिताए थे. बताया गया था कि बच्चे की मां की मौत हो गई, लेकिन अब पता चला है कि उसकी मां जीवित है! उसका इलाज एक अलग अस्पताल में किया गया. 54 दिनों के अंतराल और डीएनए परीक्षण के बाद, वे फिर से एक साथ हैं.’

इस पोस्ट को 5.1 मिलियन से अधिक बार देखा गया है. एक यूजर ने इसे एक और चमत्कार कहते हुए लिखा- “अद्भुत खबर. मुझे बहुत खुशी है कि वे दोनों बच गए और एक-दूसरे के साथ वापस आ गए. इसे साझा करने के लिए धन्यवाद! एक अन्य ने कहा, “इस कहानी का दुखद लेकिन सुंदर अंत. आभारी हूं कि बच्चे को उसकी मां मिली. एक तीसरे ट्विटर यूजर ने टिप्पणी की, “कितनी अच्छी स्टोरी है. मां और बच्चा फिर से एक साथ. आशा है कि मां अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए पर्याप्त हैं और अपने जीवन के बाकी हिस्सों का आनंद ले सकती हैं.”

गौरतलब है कि तुर्की में छह फरवरी को आए भीषण भूकंप में 48,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इसे 1939 के बाद से सबसे घातक भूकंपों में से एक बताया गया है. भीषण भूकंप के बाद हर तरफ तबाही का मंजर था. जो बच गए थे वह जीवन की राह ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे थे. जो अब भी मलबे में फंसे थे, वह जिंदगी के लिए लड़ रहे थे. इस बीच 128 घंटे की बचाव अभियान के बाद एक मासूम को मलबे से जिंदा निकाला गया था.

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FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:21 IST

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देश का वो स्कूल जहां रविवार को होती है पढ़ाई, 101 सालों से यही नियम

देश का वो स्कूल जहां रविवार को होती है पढ़ाई, 101 सालों से यही नियम

 स्टोरी- बनवारीलाल चौधरी

पश्चिम बंगाल के इस इलाके में एक ऐसा हाई स्कूल है जो रविवार को खुला रहता है पर यहां सोमवार को छुट्टी होती है. यह नियम इस स्कूल में पिछले 101 वर्ष से लागू है. दूसरे स्कूल सोमवार से शनिवार तक, सप्ताह में छह दिन खुले रहते हैं और रविवार को इन स्कूलों में छुट्टी होती है. लेकिन पूर्वी बर्धमान का यह स्कूल अपवाद है.

जमालपुर ब्लॉक में स्थित पूर्वी बर्धमान के इस स्कूल का नाम है गोपालपुर मुक्तकेशी विद्यालय. रविवार को स्कूल के खुले होने का नियम देश के आज़ाद होने से पहले से यहां लागू है. और जैसा कि स्पष्ट है, इसके पीछे एक इतिहास है.

इस बारे में स्कूल के हेडमास्टर देबब्रत मुखर्जी ने कहा, ”इस नियम का इतिहास काफ़ी पुराना है. इस स्कूल की स्थापना से देश की आज़ादी का एक अध्याय जुड़ा है. गांधी जी के नेतृत्व में देश भर में असहयोग आंदोलन चलाया गया था जिसका मुख्य नारा था विदेशी वस्तुओं, विदेशी शैक्षिक संस्थानों, विदेशी भाषाओं का बहिष्कार और देशी वस्तुओं, देशी शिक्षा आदि को अपनाने पर जोर दिया गया था”.
उस समय इस गांव के जो प्रसिद्ध व्यक्ति गांधी जी के असहयोग आंदोलन का यहां नेतृत्व कर रहे थे, उन्होंने स्वदेशी विचारधारा से प्रेरित होकर इस स्कूल की स्थापना की थी. चूंकि अंग्रेजों ने रविवार को स्कूल की छुट्टी का नियम निर्धारित किया था, तो स्वदेशी की विचारधारा को अपनाते हुए इस दिन इस स्कूल को खुला रखने का नियम बनाया गया और इसके बदले सोमवार को स्कूल में छुट्टी होना निर्धारित किया गया. तभी से इस स्कूल में यह नियम चलता आ रहा है.

इस स्कूल की स्थापना भूषण चंद्र हलदर और अविनाश चंद्र हलदर ने की. स्कूल की स्थापना करने का निर्णय पूरी तरह अविनाश चंद्र हलदर का था और भूषण चंद्र हलदर ने उनको दिशानिर्देश दिया. इस स्कूल की स्थापना में राजबल्लभ कुमार और विजयकृष्ण कुमार ने वित्तीय मदद दी. इन्हीं लोगों की पहल पर इस स्कूल की स्थापना 5 जनवरी 1922 को हुई. इस समय इस स्कूल में 972 छात्र हैं.

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कक्षा 10 में पढ़ाई करने वाले इस स्कूल के छात्र आतिफ़ मलिक का कहना है, ”मुझे रविवार को स्कूल आना अच्छा लगता है. हमारे दोस्त भी स्कूल आते हैं. और चूंकि सोमवार को हमारी छुट्टी होती है जिसके कई फ़ायदे हैं जैसे कि अगर सरकारी ऑफ़िस में कोई काम है तो वह आप इस दिन कर सकते हैं. अगर यह छुट्टी रविवार को होती तो यह काम नहीं किया जा सकता”.

101 वर्ष पुराने इस स्कूल में छात्र से लेकर शिक्षक तक, किसी को भी इस नियम से कोई परेशानी नहीं होती है. यह भी कहा जाता है कि सरकार ने शुरू में इस नियम पर आपत्ति की थी पर जब उन्हें स्कूल के नियम और इसके पीछे के इतिहास के बारे में पता चला तो इसे मान लिया गया.

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Tags: Education news, School Admission

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:40 IST

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ISKP में ईरान के आतंकवादी भी शामिल, तालिबान के खुफिया विभाग ने जारी किया VIDEO

नई दिल्ली. भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कहर मचा रहे आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस (आईएसकेपी) में ईरान के भी आतंकवादी शामिल हैं. अफगानिस्तान सरकार के जनरल डायरेक्टरेट ऑफ़ इंटेलिजेंस विभाग ने ऐनुद्दीन उर्फ मोहम्मद नाम के एक ईरानी आतंकवादी को गिरफ्तार कर उसका वीडियो जारी किया है. तालिबान ने कथित तौर पर ऐनुद्दीन को दिखाते हुए सीसीटीवी फुटेज जारी किए. इस वीडियो में वह मजार-ए शरीफ में बल्ख के गवर्नर और तेबयान सांस्कृतिक केंद्र के खिलाफ हमलावर को सुविधाएं मुहैया करा रहा था. यह पहली बार हुआ है जब आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस में शामिल ईरान के किसी कथित आतंकवादी को गिरफ्तार कर उसका वीडियो जारी किया गया है.

तालिबान जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ इंटेलिजेंस (जीडीआई) द्वारा जारी बयान के मुताबिक उसके विशेष ऑपरेशन बलों ने आईएसकेपी के एक प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार किया है. इस हमलावर का बाकायदा एक इकबालिया वीडियो बयान भी जारी किया गया है. GDI द्वारा प्रकाशित वीडियो में, ऐनुद्दीन को एक आत्मघाती हमलावर के साथ जाते हुए दिखाया गया है. अपने जीवनी संबंधी विवरण देते हुए, कथित ISKP सहयोगी का कहना है कि उसे ईरान में इस्लामिक स्टेट द्वारा भर्ती किया गया था (वीडियो में ईरान शब्द बीप किया गया है, लेकिन सुना जा सकता है). अफगानिस्तान इंटेलिजेंस का दावा है कि पूछताछ के दौरान इस ईरानी आतंकवादी ने यात्रियों और एक मदरसे को ले जा रहे वाहन पर हमले का हिस्सा होने का भी कबूल किया है.

तालिबान द्वारा जारी इस हमलावर के एक इकबालिया वीडियो बयान में वह खुद को बामियान के ऐनुद्दीन के रूप में पेश करता है. उसका कहना है कि उसने उत्तरी अफगानिस्तान में बड़े हमलों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी. जीडीआई के मुताबिक, एक ऑपरेशन के दौरान उसकी गिरफ्तारी की गई. आरोपी दाउद मुज़म्मिल हत्याकांड (बाल्ख के तालिबान गवर्नर), मजार में तेबयान हमले के साथ-साथ अप्रैल 2022 में एक शिया मस्जिद के खिलाफ हमले में आईएसकेपी को खुफिया जानकारी प्रदान करने के लिए वह जिम्मेदार था.

तालिबान के दावे के मुताबिक उसके द्वारा गिरफ्तार किया गया संदिग्ध मूल रूप से बामियान प्रांत के सैघान जिले का रहने वाला है और उसे लगभग ढाई साल पहले ईरान में ISKP द्वारा भर्ती किया गया था. फिलहाल तालिबान इस गिरफ्तारी को आईएसकेपी के लिए एक बड़ा नुकसान और अपने लिए एक बड़ी सफलता मान रहा है.

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Tags: Afghanistan, Iran, ISKP, Taliban

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:42 IST

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झारखंड के 3 कांग्रेसी विधायकों का निलंबन वापस होगा! दिल्ली में केसी वेणुगोपाल से हुई मुलाकात

हाइलाइट्स

झारखंड के 3 कांग्रेसी विधायकों के निलंबन वापसी की चर्चा
दिल्‍ली पहुंचे विधायकों ने वेणुगोपाल से की मुलाकात
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से लगाई गुहार

नई दिल्‍ली. झारखंड (Jharkhand) से कांग्रेस के निलंबित तीन विधायक (Congres MLAs) इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाडी दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद तीनों विधायक काफी उत्साहित दिखे. इसके बाद इन विधायकों ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से भी उनके आवास पर मुलाकात की. निलंबित विधायकों की कोशिश है कि किसी तरह से उनका निलंबन खत्म हो जाए.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद इन विधायकों ने न्यूज़18 से बात करते हुए कहा कि ‘पार्टी हित में काम करने के लिए बोला गया है. केसी वेणुगोपाल ने साफ किया है कि जल्द ही उनका निलंबन वापस ले लिया जाएगा.’ इन विधायकों का कहना है कि हमारे ऊपर लगाए गए सारे आरोप गलत साबित हुए हैं. ऐसे में निलंबन का कोई औचित्य नहीं है. इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप तीनों राहुल गांधी प्रकरण को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं.

पार्टी आलाकमान से निलंबन वापसी की परैवी
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए इस बात का संकेत दिया कि विधायकों का जल्द ही निलंबन वापस होगा. हालांकि इस पूरे मामले में धीरज साहू ने भी पार्टी आलाकमान के सामने इन तीनों निलंबित विधायकों की पैरवी की है. गौरतलब है कि विधायकों के साथ बड़ी मात्रा में कैश बरामद हुआ था और इनके ऊपर आरोप लगा था कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने की यह कोशिश कर रहे हैं और यह सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है. लेकिन इस मामले में अब हाईकोर्ट से राहत के बाद इनके निलंबन खत्म करने की कवायद परवान चढ़ रही है.

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FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:43 IST

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साईं बाबा के खिलाफ विवादित बयान, बुरे फंसे बागेश्वर बाबा, BJP मंत्रियों ने की कार्रवाई की मांग

हाइलाइट्स

बागेश्वर बाबा ने शिरडी साईं बाबा को फ़क़ीर कहा.
महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं ने कानूनी करवाई की मांग की.
बागेश्वर बाबा पहले भी संत तुकाराम के खिलाफ बयान दिया था.

Bageshwar Dham News. बागेश्वर बाबा अभी देश में सबसे चर्चित और जानेमाने नाम हैं. अभी हाल में वे शिरडी साईं बाबा के खिलाफ विवादित बयान देकर बुरे फंस गए हैं. उनके बयान से महाराष्ट्र के बीजेपी नेता काफी नाराज दिख रहे हैं. बागेश्वर धाम के शिरडी साईं बाबा को फ़क़ीर कहने पर शिरडी में लोगों ने उनके खिलाफ काफी प्रदर्शन किया, तो वहीं भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ करवाई करने की मांग की है. 

महाराष्ट्र बीजेपी के नेता और राजस्व मंत्री (Revenue Minister) राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बागेश्वर बाबा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है. शिरडी साई बाबा के खिलाफ दिए गए बयान का विखे पाटिल ने विरोध किया है. पाटिल का कहना है कि बाबा लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम किसी भी ‘संतों’ के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनेंगे. सरकार को कहेंगे कि बागेश्वर बाब के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें क्योंकि वह लोगों को गुमराह कर रहें हैं.

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बागेश्वर बाबा ने शिरडी साई बाबा को एक फकीर बाबा कहा था, जिसके बाद ये विवाद बढ़ा. शिरडी में बागेश्वर बाबा के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया. शिरडी में बागेश्वर बाबा के फोटो भी जलाए गए. ‘युवा शिरडी प्रस्थान’ के लोगों ने बागेश्वर बाबा का विरोध किया.

इससे पहले भी बागेश्वर बाबा महाराष्ट्र में विवादों में फंस चुके हैं. पिछली बार बागेश्वर बाबा ने संत तुकाराम के बारे में भी विवादित बयान दिया था, जिसके बाद ज्यादा विवाद हो गया था. उस मामले में बागेश्वर बाबा ने माफी भी मांगी थी.

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Tags: Bageshwar Dham, Shirdi sai baba

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 20:00 IST

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राजस्थान: पुलिस कांस्टेबल को भीड़ ने सरेराह जमकर पीटा, युवक को अगवा कर फिरौती मांगने का आरोप

हाइलाइट्स

जयपुर के कानोता थाना इलाके का है मामला
मारपीट की यह घटना चार दिन पुरानी बताई जा रही है
दोनों ही पक्षों ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया है

हीरालाल सैन.

जयपुर. जयपुर (Jaipur) जिले के कानोता थाना इलाके में भीड़ ने राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) के एक कांस्टेबल की सरेराह जमकर पिटाई कर डाली. आरोप है कि यह कांस्टेबल फिरौती (Ransom) के लिए एक युवक का अपहरण करके लाया था. बाद में सूचना पर मौके पर पहुंची कानोता पुलिस ने कांस्टेबल को भीड़ से बचाकर छुड़ाया. कांस्टेबल से मारपीट की इस घटना का वहां मौजूद कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया. बाद में उसे सोशल मीडिया (Social Media) में वायरल कर दिया. घटना चार दिन पुरानी बताई जा रही है.

पुलिस के अनुसार मारपीट के शिकार हुए कांस्टेबल का नाम शैलेन्द्र बताया जा रहा है. वह किसी न्यायिक अधिकारी की सुरक्षा में लगा हुआ है. लेकिन पिछले छह-सात दिन से वह ड्यूटी से गैर हाजिर था. आरोप है कि कांस्टेबल ने खो-नागोरियान इलाके से अनमोल नाम के युवक को उठा लिया. वह अपने दो साथियों के साथ उसे कानोता रिंग रोड ले गया. उसके बाद उसने युवक के परिजनों को फोन कर 50 हजार रुपये की डिमांड की. इस पर परिजनों ने रुपये देने के बहाने कांस्टेबल को रिंग रोड पहुंचने की बात कही.

आपके शहर से (जयपुर)

घायल कांस्टेबल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है
वहां युवक के परिजनों और उनके साथ आए ग्रामीणों ने कांस्टेबल को पकड़ लिया और उससे मारपीट कर दी. कांस्टेबल से मारपीट की सूचना पर कानोता पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभाला. पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शैलेन्द्र को उनसे छुड़वाया. अभी तक दोनों पक्षो की ओर से पुलिस थाने में कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है. घायल कांस्टेबल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.

पुलिसकर्मी को पीटने के पहले भी मामले सामने आ चुके हैं
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में किसी पुलिसकर्मी के पीटने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार पुलिसकर्मी भीड़ के हाथों मारपीट के शिकार हो चुके हैं. इस मामले में पुलिस अभी कुछ भी कहने से बच रही है. वह मामले की जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है. लेकिन यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 20:10 IST

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कर्नाटक चुनाव से पहले BJP को झटका, MLA गोपालकृष्ण कांग्रेस में शामिल, दावा- कई नेता कतार में

हाइलाइट्स

BJP विधायक एन वाई गोपालकृष्ण सोमवार को कांग्रेस में हुए शामिल
गोपालकृष्ण ने भाजपा विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया और अब कांग्रेस में शामिल हो गये
शामिल होने के बाद विधायक ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आएगी

बेंगलुरु. कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक एन वाई गोपालकृष्ण सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गये. कर्नाटक कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और जनता दल (AS) के कई विधायक कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि जनता की लहर पार्टी के पक्ष में है.

कुदलिगी विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा भाजपा विधायक एन वाई गोपालकृष्ण (NY Gopal Krishna) को पार्टी में शामिल करने के बाद अपने भाषण में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आएगी. गोपालकृष्ण ने गत शुक्रवार को ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. शिवकुमार ने कहा, ‘‘भाजपा और जद (एस) के कई नेता हमारा दरवाजा खटखटा रहे हैं. यह इस बात का सुबूत है कि राज्य की जनता की आवाज कांग्रेस के पक्ष में है और हमारा रास्ता सही दिशा में सत्ता की तरफ है.’’

शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि गोपालकृष्ण ने भाजपा विधायक (BJP MLA) के पद से इस्तीफा दे दिया और अब कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह जद (एस) विधायक के. एम. शिवलिंगे गौड़ा भी इस्तीफा दे चुके हैं और वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे. केपीसीसी प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा और जद (एस) नेता स्वैच्छिक रूप से कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं, जो इस बात का ‘बड़ा सुबूत’ है कि लोगों ने ‘डबल इंजन सरकार की नाकामी’ के कारण परिवर्तन करने का मन बना लिया है.’’

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छह बार के विधायक गोपालकृष्ण पहले कांग्रेस में थे. वह चार बार चित्रदुर्ग जिले के मोलाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र से और एक बार बेल्लारी सीट से विधायक चुने गए. भाजपा में शामिल होने के बाद वह कुदलिगी से विधायक बने. हाल ही में भाजपा के दो एमएलसी (पुत्तन्ना और बाबूराव चिंचानसुर) ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इसी तरह जद (एस) विधायक एस. आर. श्रीनिवास भी इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गये.

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Tags: BJP, Congress, Karnataka, Karnataka Assembly Elections

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 20:39 IST

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