हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका
हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका :- सर्दियों में ठंडे पानी से नहाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. यह सिर्फ सर्दी, खांसी और जुकाम तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल का दौरा (हार्ट अटैक) भी इसका कारण बन सकता है. इसलिए, अगर आप ठंडे पानी से नहाने के आदी हैं, तो सावधानी बरतना जरूरी है.

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका :-

सर्दियों का मौसम आते ही ठंड और कंपकंपी से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों और हीटर का सहारा लेते हैं. सुबह-सुबह रजाई छोड़कर उठना ही मुश्किल हो जाता है, और नहाना तो एक बड़ी चुनौती जैसा लगता है. अधिकतर लोग गर्म पानी से नहाने का विकल्प चुनते हैं, लेकिन कुछ लोग ठंडे पानी से नहाना भी पसंद करते हैं. अगर आप भी उन लोगों में से हैं, तो सतर्क हो जाइए, क्योंकि ठंडे पानी से नहाना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. यह सिर्फ सर्दी, खांसी और जुकाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हार्ट अटैक (दिल का दौरा) का कारण भी बन सकता है. आइए जानें क्यों ठंडे पानी से नहाने से यह खतरा बढ़ जाता है.ठंड के मौसम में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, जिन लोगों को पहले से हार्ट से जुड़ी समस्याएं हैं, उनके लिए ठंड के मौसम में दिल का दौरा पड़ने का खतरा 31% तक बढ़ जाता है. खासकर ठंडे पानी से नहाने की आदत इस खतरे को और बढ़ा सकती है.

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका : ब्लड प्रेशर पर असर

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ठंडा पानी अचानक से ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आ सकती है. ठंड के कारण धमनियां पहले ही सिकुड़ी होती हैं और ठंडा पानी पड़ते ही ये और अधिक संकरी हो सकती हैं. ऐसे में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका : सतर्क रहें हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीज 

जो लोग हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हार्ट की अन्य समस्याओं से ग्रस्त हैं, उनके लिए ठंडे पानी से नहाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. यदि पहले कभी हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक हुआ है, तो सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने से परहेज करना चाहिए.

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका :विशेषज्ञों की राय

कई बार ऐसा दावा किया जाता है कि ठंडे पानी से नहाने से तनाव कम होता है और शरीर एक्टिव रहता है. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. बल्कि, यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका: कैसे बचाव करें?

सर्दियों में अपनी सेहत का खास ध्यान रखें और गर्म पानी से नहाने को प्राथमिकता दें. ठंडे पानी से नहाने की आदत से बचें, खासकर अगर आप पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं.

हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका

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हार्ट अटैक को बढावा देता है नहाने का ये तरीका

खाद्य विभाग ने किया मुलताई मेले में निरीक्षण

खाद्य विभाग ने किया मुलताई मेले में निरीक्षण - Betul today

खाद्य विभाग ने किया मुलताई मेले में निरीक्षण

खाद्य विभाग ने किया मुलताई मेले में निरीक्षण

मुलताई मेले में होटल संचालक घरेलू गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। शिकायत पर मंगलवार दोपहर 3.30 बजे खाद्य विभाग की टीम मेला पहुंची और निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने दो घरेलू गैस सिलेंडर जब्त किए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कनिष्ठ खाद्य अधिकारी ममता सिरसाम ने बताया कि व्यापारियों को दुकान में साफ सफाई रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें बताया गया कि खाने-पीने की वस्तुओं को ढक कर रखे। और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

खाद्य विभाग की टीम मेला पहुंची और निरीक्षण किया

मेले में एक दर्जन से ज्यादा होटल संचालित की जा रहीं हैं। इसमें से कुछ दुकानदार खाने-पीने की वस्तुओं को ढककर नहीं रख रहे थे और खुले में खाद्य सामग्री बेच रहे थे। जिसकी शिकायत खाद्य विभाग के अधिकारियों को मिली थी। इसके बाद लापरवाह दुकानदारों को कड़ी फटकार लगाई है।

खाद्य विभाग ने किया मुलताई मेले में निरीक्षण

आयुष्मान भारत योजना

आयुष्मान भारत योजना :-

आयुष्मान भारत योजना 2024 भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है इसकी शुरुआत 2018 में की गई। जिसके द्वारा देश के 50 करोड़ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने के लिए ₹500000 तक का इलाज उनके पास के चयनित अस्पतालों के द्वारा मुफ्त दिया जाएगा।इस योजना के दौरान कुछ गंभीर बीमारियों की सूची बनाई गई है जिनका इलाज काफी महंगा होता है। आयुष्मान कार्ड 2024 बनवाने के पश्चात निम्न आय स्तर वाले व्यक्ति इन बीमारियों का आसानी से इलाज करवा सकेंगे।

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार द्वारा गरीब व मध्यवर्गीय परिवार के लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की एक योजना है। इस योजना के तहत कोरोना, कैंसर, किडनी सम्बन्धी समस्या, हृदय ग, डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिय लसिस, अंग निःसंतानता, मोतियाबिंद और अन्य सूचीबद्ध गंभीर बीमारियों का निःशुल्क उपचार किया जा सकेगा।

आयुष्मान भारत योजना

आयुष्मान भारत योजना

आयुष्मान भारत योजना :- लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया

पात्र परिवार के सदस्यों को किसी भी रोग बीमारी की स्थिति में शासकीय अस्पताल में अथवा चिन्हित निजी अस्पताल जाकर दिखाना होगा। वहां पर डाॅक्टर उनकी जांच करके उपचार देंगे। यदि वह उपचार सरकारी अस्पताल में संभव होगा तो उन्हें वहां भर्ती करा दिया जायेगा और यदि वह इलाज मेडिकल काॅलेज में ही संभव होगा तो उन्हंे वहां रेफर कर दिया जायेगा। जहां तय पैकेज के अनुरूप उन्हें उपचार मिल सकेगा। जिला मलेरिया अधिकारियों को इस योजना का नोडल आॅफिसर बनाया गया है, किसी भी सहायता के लिए उनसे संपर्क किया जा सकता है।

सरकार ने पहले से ही सभी पात्र परिवारों का सर्वे करवाकर सूची बनवा ली है। परिवार के किसी सदस्य का नाम सूची में जुड़ नहीं पाया है या फिर गलत अंकित हो गया है, तो उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। आयुष्मान मित्र – योजना के पात्र नागरिकों की सुविधा के लिए चिन्हित चिकित्सालयों में आयुष्मान मित्र नियुक्त किये जा रहे है। इनके माध्यम से नागरिकों को योजना की प्रक्रिया एवं कागज़ी कार्यवाही पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। चिन्हित अस्पतालों में आयुष्मान भारत कियोस्क भी स्थापित किये गये है।

आयुष्मान भारत योजना :- इन लोगो को मिलेगा लाभ

विभागलोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
योजना का नामआयुष्मान भारत योजना
हितग्राही मूलक है या नहीहाँ
अधिकार क्षेत्रराज्य प्रवर्तित योजना
लाभार्थी वर्गअन्य ,असंगठित कर्मकार मण्डल कार्ड धारी ,मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिक
लाभार्थी का प्रकारसभी के लिए
लाभ की श्रेणीस्वास्थ्य सुविधा
योजना का क्षेत्रUrban and Rural

आयुष्मान भारत योजना :- पात्रता

योजना के लिए पात्रता शर्तें-

  • ऐसे परिवारों में 16 से 59 वर्ष का कोई भी कमाने वाला सदस्य ना हो।
  • एक कमरे वाले कच्चे घरों में रहने वाले परिवार
  • परिवार जिनके आय का प्रमुख साधन मजदूरी है।
  • भीख मांगने वाले, कूड़ा उठाने वाले, गली कूचे में फेरी लगाने वाले, दर्जी, मोची इत्यादि व्यवसाय से जुड़े हुए परिवार ।

आयुष्मान भारत योजना :- आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करें

परिवार के किसी भी सदस्य को रोग बीमारी होने पर पूरे परिवार पर एक मानसिक और आर्थिक दबाव होता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेष के हर नागरिक को निःषुल्क उपचार, चिकित्सकीय जांचे, औषधियां और चिकित्सकीय परिवहन जैसी सेवाऐं उपलब्ध कराई जा रही हैं और इनसे प्रतिदिन लाखों नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं। योजना का उद्देष्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहंुच निर्धन वर्ग के लोगों तक सुलभ बनाने के लिये स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध कराना है। यह स्वास्थ्य सुरक्षा कवच कैषलेस है, मतलब इसमें मरीज के उपचार का पैसा पात्र परिवार को न दिया जाकर इलाज करने वाले अस्पताल को सीधे भुगतान कर दिया जायेगा और सबसे खास बात यह है कि इस योजना का लाभ तो गरीब परिवारों को तो मिलेगा लेकिन इसका पूरा पैसा सरकार भरेगी।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जे) के अंतर्गत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के तहत सामाजिक आर्थिक जातिगत गणना (ैम्ब्ब्) में चिन्हांकित लाभार्थियों के अतिरिक्त, म.प्र.शासन, द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि खाद्य सुरक्षा में प्रदाय समग्र पर्ची/पात्रता एवं आसंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी शामिल किया जावे। आगामी समय में अन्य योजनाओं के हितग्राहियों या समाज के अन्य वर्गों को भी इस योजना में शामिल किये जाने पर विचार किया जावेगा। भारत सरकार के प्रावधानों के अतिरिक्त प्रदेष में उपरोक्तानुसार लाभार्थी जोड़े गये हैं, जिन्हें उक्त योजना में लाभांवित किया जा सकेगा। प्रदेष में योजना को निरामयम् का नाम दिया गया है।

प्रदेष में नेंषनल हेल्थ मिषन (एनएचएम) के माध्यम से हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की स्थापना की जा रही है। इन्हें ग्राम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित किया जा रहा है। इन केन्द्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं के अतिरिक्त पहली मेडीसिन पद्धति से विषेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्ष भी मिल सकेगा। इन केन्द्रों में आयुष पद्धति और योग आदि के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली संबंधी परामर्ष भी दिया जायेगा। प्रदेष में इन्हें मध्य प्रदेष आरोग्यम का नाम दिया गया है। यह केन्द्र भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्थापित किये जा रहे हैं।

मुख्य आकर्षण:-

  • 1. योजना के तहत पात्र वंचित श्रेणी के प्रदत्ये परिवार को रू. 5.00 लाख प्रतिवर्ष उपचार हेतु लाभ।
  • 2. यह स्वास्थ्य सुरक्षा कवच निजी एवं शासकीय अधिमान्य अस्पतालों एवं अधिमान्य मेडिकल काॅलेजो के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।
  • 3. योजना के तहत विभिन्न मेडिकल प्रोसिजर्स के लिए लगभग 1400 पैकेज निर्धारित किये गये है जिनमें लगभग सभी महत्वपूर्ण जटिल रोग बीमारियों का उपचार शामिल है।
  • 4. यह स्वास्थ्य सुरक्षा कवच कैषलेस होगा।
  • 5. पात्र वंचित श्रेणी के परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा कवच हेतु बीमा प्रीमियम का भुगतान शासन द्वारा किया जायेगा।
आवेदन प्रक्रियापात्र परिवार के सदस्यों को किसी भी रोग बीमारी की स्थिति में शासकीय अस्पताल में अथवा चिन्हित निजी अस्पताल जाकर दिखाना होगा। वहां पर डाॅक्टर उनकी जांच करके उपचार देंगे। यदि वह उपचार सरकारी अस्पताल में संभव होगा तो उन्हें वहां भर्ती करा दिया जायेगा और यदि वह इलाज मेडिकल काॅलेज में ही संभव होगा तो उन्हंे वहां रेफर कर दिया जायेगा। जहां तय पैकेज के अनुरूप उन्हें उपचार मिल सकेगा। जिला मलेरिया अधिकारियों को इस योजना का नोडल आॅफिसर बनाया गया है, किसी भी सहायता के लिए उनसे संपर्क किया जा सकता है। सरकार ने पहले से ही सभी पात्र परिवारों का सर्वे करवाकर सूची बनवा ली है। परिवार के किसी सदस्य का नाम सूची में जुड़ नहीं पाया है या फिर गलत अंकित हो गया है, तो उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। आयुष्मान मित्र – योजना के पात्र नागरिकों की सुविधा के लिए चिन्हित चिकित्सालयों में आयुष्मान मित्र नियुक्त किये जा रहे है। इनके माध्यम से नागरिकों को योजना की प्रक्रिया एवं कागज़ी कार्यवाही पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। चिन्हित अस्पतालों में आयुष्मान भारत कियोस्क भी स्थापित किये गये है।

आयुष्मान भारत योजना के लिए आवेदन कैसे करें 

हर गरीब परिवार के लिए एक तोहफा है इसके द्वारा गरीब और वंचित लोग अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। आगे आने वाली चरणों में हमें बता रहे हैं कि इस योजना के लिए किस तरह से आवेदन करें व आवेदन करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत है –

  • आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने के लिए किसी भी लोक सेवा केंद्र, डिजिटल सेवा केंद्र , csc सेंटर , या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपनी पात्रता की जांच करें व उसके पश्चात आवेदन करें।
  • आवेदन करने के लिए आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट HTTP://pmjay.gov.in पर जाएं।
  • योजना की वेबसाइट पर आपको ‘लाभार्थी नामक विकल्प दिखेगा। इस विकल्प पर क्लिक करें
  • अब एक नया पेज खुलेगा जिस पर “Apply Online’ का ऑप्शन दिखाई देगा।
  • क्लिक करने के बाद एक और पेज खुलेंगा जिसमें आपको अपना मोबाइल नंबर तथा आधार कार्ड का नंबर दर्ज करना होगा।
  • उसके बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा ओटीपी डालने के बाद आप आगे के वेरिफिकेशन के लिए आगे बढ़ेंगे।
  • वेरिफिकेशन के बाद आपको अपने परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी ठीक तरीके से भरनी
  • होगी।
  • जानकारी दर्ज करने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करते ही आपका आवेदन कंप्लीट हो जाएगा।
  • आवेदन की स्थिति जचने के लिए “लाभार्थी स्थिति जांचें विकल्प पर क्लिक करके आप यह देख सकते हैं कि आपका आवेदन एक्सेप्ट हुआ है या नहीं।

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kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां

kidney Stone क्या है :-

गुर्दे की पथरी या वृक्क अश्मरी, किडनी में बनने वाले कठोर पदार्थ के टुकड़े होते हैं. ये पथरी, मूत्र में मौजूद खनिजों और अन्य पदार्थों के क्रिस्टल बनने से बनती हैं. आमतौर पर, गुर्दे की पथरी पेशाब के ज़रिए शरीर से बाहर निकल जाती है, लेकिन अगर पथरी का आकार बड़ा हो, तो यह पेशाब के ज़रिए बाहर नहीं निकल पाती. इस स्थिति में, पथरी को निकालने के लिए लेज़र ऑपरेशन की ज़रूरत पड़ सकती है.

kidney Stone से जुड़ी कुछ और बातें:-

  • गुर्दे की पथरी से जुड़ी समस्या का कारण पथरी के प्रकार पर निर्भर करता है.  
  • कैल्शियम की पथरी सबसे आम है.  
  • 20 से 30 साल के पुरुषों में गुर्दे की पथरी होने की संभावना सबसे ज़्यादा होती है.  
  • गुर्दे की पथरी से बचने के लिए, ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीना चाहिए.  
  • गुर्दे की पथरी से बचने के लिए, DASH आहार का सेवन करना चाहिए.  
  • गुर्दे की पथरी से बचने के लिए, ज़्यादा वज़न न होना चाहिए.  
  • गुर्दे की पथरी से जुड़ी गंभीर जटिलता बुखार और ठंड लगना हो सकती है.  

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां:-

किडनी में पथरी की समस्या बहुत ही आम है. इसमें किडनी में खनिज और ऐसिड सॉल्ट से बने कड़े पदार्थ एक-दूसरे से चिपक जाते हैं, और छोटे-छोटे पत्थर का रूप ले लेते हैं.गुर्दे में पथरी होने के कई कारण है. लेकिन खानपान की आदतें इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इसमें कुछ ऐसी सब्जियां भी शामिल है, जिसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद मानकर हम सब रोज करते हैं.

कैसे होते हैं किडनी स्टोन के लक्षण

किडनी में स्टोन होने पर पीठ के निचले हिस्से, पेट या बगल में दर्द, पेशाब करते समय दर्द होना, पेशाब में खून आना, पेशाब करने में असमर्थता, बहुत ज्यादा पेशाब करने की इच्छा होना, बुखार या ठंड लगना, झागदार या बदबूदार पेशाब, उल्टी जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है.

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां


kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां :- पालक

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां


पालक में ऑक्सलेट्स की उच्च मात्रा होती है, जो गुर्दे में पथरी का निर्माण कर सकती है. अधिक मात्रा में पालक का सेवन करने से शरीर में ऑक्सलेट्स का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पथरी के जोखिम में वृद्धि होती है.

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां:- बीन्स

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां


विभिन्न प्रकार की बीन्स जैसे राजमा, चने और मूँग में भी ऑक्सलेट्स की उच्च मात्रा होती है. लंबे समय तक बीन्स का अत्यधिक सेवन गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है.

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां:- बैंगन

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां,


बैंगन में भी ऑक्सलेट्स होते हैं, हालांकि इसकी मात्रा पालक की तुलना में कम होती है. फिर भी, नियमित रूप से बैंगन का सेवन पथरी के खतरे को बढ़ा सकता है.

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां:- टमाटर

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां


टमाटर में भी कुछ मात्रा में ऑक्सलेट्स पाए जाते हैं. हालांकि, यह मात्रा अधिक नहीं होती, लेकिन टमाटर का अत्यधिक सेवनगुर्दे की समस्याओंको जन्म दे सकता है.

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां:- ककड़ी

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां


ककड़ी में भी ऑक्सलेट्स की थोड़ी मात्रा होती है. ककड़ी का अत्यधिक सेवन गुर्दे की पथरी की संभावना को बढ़ा सकता है, विशेषकर यदि इसका सेवन अन्य उच्च ऑक्सलेट्स वाली सब्जियों के साथ किया जाए.

kidney Stone: गुर्दे में छोटे-छोटे पत्थर भर देती है ये 5 सब्जियां

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

मात्र 5 रुपये में करे ब्लड शुगर का इलाज

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मात्र 5 रुपये में करे ब्लड शुगर का इलाज :- इसमें कोई शक नहीं कि आज के समय में शुगर एक ऐसी बीमारी है, जो हर घर में आसानी से देखने को मिल जाती है. जी हां आज के समय में हर एक घर में किसी न किसी व्यक्ति को ये बीमारी तो होती ही है.ऐसे में इसकी सबसे बड़ी वजह इंसान की बदलती दिनचर्या है. इसके इलावा भोजन में मिलावट इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है, कि इससे बच पाना मुश्किल होता जा रहा है. इसलिए आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताने वाले है, जिसे एक बार तो आपको जरूर आजमाना चाहिए. जी हां अगर आप बार बार डॉक्टर के चक्कर नहीं काटना चाहते तो यकीनन इस उपाय को जरूर आजमाएंगे.

बता दे कि इस उपाय से आपकी शुगर की समस्या काफी हद तक खत्म हो जायेगी. अब इसमें तो कोई दोराय नहीं कि शुगर का रोग हर इंसान के लिए किसी नासुर से कम नहीं होता. ऐसे में वो इससे छुटकारा पाने के लिए लाखो रूपये दवाईयों पर खर्च कर देता है. बरहलाल पुरुष हो या स्त्री, लेकिन ये रोग हर किसी में पाया जाता है. तो चलिए अब आपको इस शुगर विनाशक उपाय के बारे में जरा विस्तार से बताते है.

मात्र 5 रुपये में करे ब्लड शुगर का इलाज

मात्र 5 रुपये में करे ब्लड शुगर का इलाज

मात्र 5 रुपये में करे ब्लड सुगर का इलाज :- इसमें सबसे पहले आपको 250 ग्राम इन्द्रजौ कड़वा, 250 ग्राम ही बादाम, 250 ग्राम भुने हुए चने आदि सामग्री लेनी है. यहाँ इस बात का ध्यान रखे कि आपको इन्द्रजौ तल्ख यानि कड़वा ही लेना है और अगर आपको इसके बारे में जानकारी न हो तो आप किसी भी दुकान पर जाकर इसके बारे में पूछ सकते है. इसके इलावा भुने हुए चनो में इस बात का ध्यान रखे कि चने छिलके वाले ही लेने है. बता दे कि इस उपाय की ज्यादा मात्रा लेने से आपका शुगर लेवल कम भी हो सकता है. इसलिए जितनी मात्रा बताई गई है, केवल उतनी ही ले. गौरतलब है कि अब इन तीनो चीजों को अलग अलग कूट लीजिये, यानि इनका धुरधुरा पाउडर बना लीजिये और फिर इन्हे कांच के एक जार में रख दीजिये.

बता दे कि खाने के बाद एक चाय वाला चम्मच लेकर दिन में केवल एक बार ही सादे जल के साथ इसका सेवन करे. जी हां बता दे कि इस उपाय का परिणाम आपको अच्छा ही मिलेगा और अगर आपका कोई दोस्त इस रोग से पीड़ित है तो उसे भी ये उपाय एक बार जरूर आजमाने को कहिएगा. इसके साथ ही आपके लिए ये जान लेना भी बेहद जरुरी है कि ये उपाय उन लोगो के लिए लाभकारी होगा, जिन्हे इन्सुलिन न लगती हो. जी हां यानि अगर इस समय आप इन्सुलिन लगवा रहे है, तो कृपया इस उपाय को मत कीजियेगा, लेकिन अगर आप इन्सुलिन नहीं लगवा रहे, तो बेझिझक इसका इस्तेमाल कर सकते है.

आज कल शुगर हर उम्र के व्यक्ति को हो सकती है. ऐसे में आप उन्हें ये चमत्कारी, सरल और सस्ता उपाय बता कर उन्हें एक नया जीवन दे सकते है.

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Karnataka Elections 2023: बेटे बी. वाई. विजयेंद्र कहां से लड़ेंगे चुनाव, येदियुरप्पा ने किया खुलासा

शिवमोगा (कर्नाटक). कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि उनके बेटे बी. वाई. विजयेंद्र 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की शिकारीपुरा सीट से मैदान में उतरेंगे. येदियुरप्पा विधानसभा में छह बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता ने अपने बेटे को मैसूर के वरुणा से कांग्रेस के दिग्गज सिद्धरमैया के खिलाफ मैदान में उतारने की संभावना से एक बार फिर इनकार किया. प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष विजयेंद्र ने शिकारीपुरा सीट से चुनाव लड़ने के लिए लोगों से आशीर्वाद मांगा.

येदियुरप्पा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘विजयेंद्र पर वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का दबाव था, लेकिन मैंने तय किया कि उन्हें शिकारीपुरा से चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि यही वह निर्वाचन क्षेत्र था, जिसने मुझे राजनीतिक जीवन में पहचान और सम्मान दिलाया.’ येदियुरप्पा का बयान तब आया जब भाजपा के केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने अभी तक उम्मीदवारों की सूची को मंजूरी नहीं दी है. केंद्रीय संसदीय बोर्ड पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है, जिसके येदियुरप्पा सदस्य हैं. विजयेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि उनके पिता ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में हमेशा हर धार्मिक समुदाय को साथ लिया.

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विजयेंद्र ने कहा कि अगर येदियुरप्पा राजनीतिक रूप से बढ़े हैं तो यह शिकारीपुरा में उनके कार्यकर्ताओं के काम के कारण. उन्होंने कहा कि न तो येदियुरप्पा और न ही उनके परिवार के सदस्य उनके (येदियुरप्पा के) आगे बढ़ने में लोगों के योगदान को कभी भूल सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं यहां आप सभी से अपील करने आया हूं कि आने वाले दिनों में मुझे सेवा का मौका दें.’ उन्होंने कहा कि वह समाज के सभी समुदायों को साथ लेकर चलेंगे. पिछले हफ्ते, येदियुरप्पा ने संकेत दिया कि उनका बेटा वरुणा से चुनाव लड़ सकता है, लेकिन अगले ही दिन उन्होंने इस संभावना से इनकार कर दिया था.

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Tags: BJP, BS Yediyurappa, Karnataka, Karnataka Assembly Elections

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 18:54 IST

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Rajasthan BJP: सीपी जोशी के फरमान से मचा हड़कंप, कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत, नो स्लोगन-नो पब्लिसिटी

हाइलाइट्स

राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी का नया आदेश
सीपी जोशी ने कार्यकर्ताओं को कहा व्यक्तिगत नारे ना लगाएं
व्यक्तिगत नारों से पार्टी धड़ों में बंट जाती है और चुनाव में नुकसान होता है

जयपुर. राजस्थान बीजेपी (Rajasthan BJP) में अब पार्टी आलाकमान के संदेशों की गूंज साफ सुनाई देने लगी है. नए प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) के फरमान के बाद नेताओं के लिए खुद के नारे लगवाना मुसीबत का सबब बन सकता है. प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी संभालने के आठ दिन में ही सीपी ने नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं को भी कड़ी नसीहत दे डाली है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नो स्लोगन, नो पब्लिसिटी प्लीज. काम करो, नाम की चिंता न करो.

27 मार्च को प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए सीपी जोशी के सामने जब कार्यकर्ता नारे लगाने लगे तब उन्होंने उनको दो टूक शब्दों में सख्त हिदायत दे डाली. उसमें भावुकता भी थी तो प्रदेश अध्यक्ष के कड़े निर्देश भी. सीपी ने जोशीले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि
मुझे जिंदा देखना चाहते हो तो मेरा आज के बाद नारा मत लगाना. अगर नारे ही लगाने हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अमित शाह, जेपी नड्डा और बीजेपी जिंदाबाद के साथ भारत माता के नारे ही लगने चाहिए. इसके अलावा और कोई भी नारा नहीं लगना चाहिए. सोमवार को टोंक में भी बीजेपी स्टेट चीफ सीपी जोशी ने अपना बयान दोहराया और कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत नारे लगाने से साफ मना कर दिया.

चुनावी साल में सीपी के नये फरमान के मायने क्या
सीपी को पार्टी आलाकमान की ओर से गुटबाजी से बचने के साफ निर्देश दिये गये हैं. दिल्ली दरबार का साफ संदेश है कि खुद कार्यकर्ता की तरह काम करो. होर्डिंग बैनर, पोस्टर और नारों से बचे रहो तभी लंबे वक्त तक राजनीति की मुख्यधारा में रह पाओगे. सीपी पौने नौ साल से सांसद हैं. वो दिल्ली की नब्ज भली भांति जानते हैं. नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की वर्किंग को करीब से देखा है. बीजेपी को सूबे की सत्ता में लौटना है. उसके बाद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी को फिर पीएम बनाना है.

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नारों से पार्टी धड़ों में बंट जाती है और चुनाव में नुकसान होता है
इसलिए बीजेपी ने जो लक्ष्य तय किये हैं उनमें नेताओं के नारों का भी मसला है. नारे एकता कम करते हैं और गुटबाजी को बढ़ावा देते हैं. नेताओं के कार्यकर्ता अपने नेता को बड़ा बनाने के फेर में प्रतिस्पर्धा पर उतर आते हैं. नतीजा पार्टी धड़ों में बंट जाती है और देर सवेर चुनावों में इसका नुकसान उठाना पड़ता है. सीपी को दिल्ली दरबार की उम्मीदों पर खरा उतरना है. विवादों से बचना है. इसलिए उन्हें केंद्र की लोक कल्याणकारी योजनाओं में बीजेपी की भलाई दिखती है. इससे एक पंथ दो काज होंगे. एक तो दिल्ली तक मैसेज पॉजीटिव पहुंचेगा और पार्टी गुटबाजी से भी बची रहेगी.

पीएम मोदी को सिर्फ काम पसंद है
नये दौर की बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी सबसे बड़े किरदार हैं. उन्हें नाम की बजाय काम पसंद हैं. अमित शाह ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में बीजेपी को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का सम्मान दिलाया तो अब जेपी नड्डा इसे जन जन की पार्टी बनाने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. पूरा देश भाजपामय है और संगठन की मजबूती ही इस पार्टी की सबसे बड़ी ताकत. जाहिर है सीपी दिल्ली के संदेश को पार्टी के ग्रास रूट के कार्यकर्ता तक पहुंचाकर मिशन 2023 की तैयारी में जुट गए हैं. इसमें प्रदेश नेतृत्व से लेकर पन्ना प्रमुख तक एकमुखी होकर बीजेपी को अजेय बनाने का संकल्प लेते दिखेंगे. बीजेपी में अब युवा नेताओं का दौर है. उन्हें पार्टी ने हवा में नहीं जमीन पर चलना सिखाया जा रहा है. सीपी भी अपनी एक ऐसी इमेज गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें वो काम के प्रदेशाध्यक्ष बनना चाहते हैं नाम के नहीं.

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FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:11 IST

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Turkey Earthquake: मलबे से 5 दिन बाद निकला था यह बच्चा, अब 54 दिन बाद सामने आई मां, जानें कैसे हुआ ये चमत्कार?

तुर्की. पिछले महीने तुर्की में आए भीषण भूकंप के बाद मलबे के नीचे दबे रहने के लगभग 128 घंटे बाद बचाए गए ‘चमत्कारिक बच्चे’ ने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का दिल जीत लिया था. हालांकि, इस बीच उसकी मां की मौत की खबर सामने आ रही थी, लेकिन 54 दिनों के बाद अब पता चला है कि इस मासूम बच्चे की मां जिंदा है. यूक्रेन के मंत्री एंटोन गेराशचेंको ने सोमवार को इसको लेकर जानकारी साझा की है. डीएनए रिपोर्ट से उसके असली मां होने की पुष्टि की जा चुकी है.

यूक्रेन के मंत्री एंटोन गेराशचेंको ने बच्ची की मां के सामने आने को लेकर एक पोस्ट साझा कर कहा, ‘आपको उस बच्चे की यह तस्वीर याद होगी जिसने तुर्की में भूकंप के बाद मलबे के नीचे 128 घंटे बिताए थे. बताया गया था कि बच्चे की मां की मौत हो गई, लेकिन अब पता चला है कि उसकी मां जीवित है! उसका इलाज एक अलग अस्पताल में किया गया. 54 दिनों के अंतराल और डीएनए परीक्षण के बाद, वे फिर से एक साथ हैं.’

इस पोस्ट को 5.1 मिलियन से अधिक बार देखा गया है. एक यूजर ने इसे एक और चमत्कार कहते हुए लिखा- “अद्भुत खबर. मुझे बहुत खुशी है कि वे दोनों बच गए और एक-दूसरे के साथ वापस आ गए. इसे साझा करने के लिए धन्यवाद! एक अन्य ने कहा, “इस कहानी का दुखद लेकिन सुंदर अंत. आभारी हूं कि बच्चे को उसकी मां मिली. एक तीसरे ट्विटर यूजर ने टिप्पणी की, “कितनी अच्छी स्टोरी है. मां और बच्चा फिर से एक साथ. आशा है कि मां अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए पर्याप्त हैं और अपने जीवन के बाकी हिस्सों का आनंद ले सकती हैं.”

गौरतलब है कि तुर्की में छह फरवरी को आए भीषण भूकंप में 48,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इसे 1939 के बाद से सबसे घातक भूकंपों में से एक बताया गया है. भीषण भूकंप के बाद हर तरफ तबाही का मंजर था. जो बच गए थे वह जीवन की राह ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे थे. जो अब भी मलबे में फंसे थे, वह जिंदगी के लिए लड़ रहे थे. इस बीच 128 घंटे की बचाव अभियान के बाद एक मासूम को मलबे से जिंदा निकाला गया था.

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Tags: Earthquake, Turkey, Turkey earthquake

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:21 IST

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देश का वो स्कूल जहां रविवार को होती है पढ़ाई, 101 सालों से यही नियम

देश का वो स्कूल जहां रविवार को होती है पढ़ाई, 101 सालों से यही नियम

 स्टोरी- बनवारीलाल चौधरी

पश्चिम बंगाल के इस इलाके में एक ऐसा हाई स्कूल है जो रविवार को खुला रहता है पर यहां सोमवार को छुट्टी होती है. यह नियम इस स्कूल में पिछले 101 वर्ष से लागू है. दूसरे स्कूल सोमवार से शनिवार तक, सप्ताह में छह दिन खुले रहते हैं और रविवार को इन स्कूलों में छुट्टी होती है. लेकिन पूर्वी बर्धमान का यह स्कूल अपवाद है.

जमालपुर ब्लॉक में स्थित पूर्वी बर्धमान के इस स्कूल का नाम है गोपालपुर मुक्तकेशी विद्यालय. रविवार को स्कूल के खुले होने का नियम देश के आज़ाद होने से पहले से यहां लागू है. और जैसा कि स्पष्ट है, इसके पीछे एक इतिहास है.

इस बारे में स्कूल के हेडमास्टर देबब्रत मुखर्जी ने कहा, ”इस नियम का इतिहास काफ़ी पुराना है. इस स्कूल की स्थापना से देश की आज़ादी का एक अध्याय जुड़ा है. गांधी जी के नेतृत्व में देश भर में असहयोग आंदोलन चलाया गया था जिसका मुख्य नारा था विदेशी वस्तुओं, विदेशी शैक्षिक संस्थानों, विदेशी भाषाओं का बहिष्कार और देशी वस्तुओं, देशी शिक्षा आदि को अपनाने पर जोर दिया गया था”.
उस समय इस गांव के जो प्रसिद्ध व्यक्ति गांधी जी के असहयोग आंदोलन का यहां नेतृत्व कर रहे थे, उन्होंने स्वदेशी विचारधारा से प्रेरित होकर इस स्कूल की स्थापना की थी. चूंकि अंग्रेजों ने रविवार को स्कूल की छुट्टी का नियम निर्धारित किया था, तो स्वदेशी की विचारधारा को अपनाते हुए इस दिन इस स्कूल को खुला रखने का नियम बनाया गया और इसके बदले सोमवार को स्कूल में छुट्टी होना निर्धारित किया गया. तभी से इस स्कूल में यह नियम चलता आ रहा है.

इस स्कूल की स्थापना भूषण चंद्र हलदर और अविनाश चंद्र हलदर ने की. स्कूल की स्थापना करने का निर्णय पूरी तरह अविनाश चंद्र हलदर का था और भूषण चंद्र हलदर ने उनको दिशानिर्देश दिया. इस स्कूल की स्थापना में राजबल्लभ कुमार और विजयकृष्ण कुमार ने वित्तीय मदद दी. इन्हीं लोगों की पहल पर इस स्कूल की स्थापना 5 जनवरी 1922 को हुई. इस समय इस स्कूल में 972 छात्र हैं.

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कक्षा 10 में पढ़ाई करने वाले इस स्कूल के छात्र आतिफ़ मलिक का कहना है, ”मुझे रविवार को स्कूल आना अच्छा लगता है. हमारे दोस्त भी स्कूल आते हैं. और चूंकि सोमवार को हमारी छुट्टी होती है जिसके कई फ़ायदे हैं जैसे कि अगर सरकारी ऑफ़िस में कोई काम है तो वह आप इस दिन कर सकते हैं. अगर यह छुट्टी रविवार को होती तो यह काम नहीं किया जा सकता”.

101 वर्ष पुराने इस स्कूल में छात्र से लेकर शिक्षक तक, किसी को भी इस नियम से कोई परेशानी नहीं होती है. यह भी कहा जाता है कि सरकार ने शुरू में इस नियम पर आपत्ति की थी पर जब उन्हें स्कूल के नियम और इसके पीछे के इतिहास के बारे में पता चला तो इसे मान लिया गया.

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Tags: Education news, School Admission

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:40 IST

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ISKP में ईरान के आतंकवादी भी शामिल, तालिबान के खुफिया विभाग ने जारी किया VIDEO

नई दिल्ली. भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कहर मचा रहे आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस (आईएसकेपी) में ईरान के भी आतंकवादी शामिल हैं. अफगानिस्तान सरकार के जनरल डायरेक्टरेट ऑफ़ इंटेलिजेंस विभाग ने ऐनुद्दीन उर्फ मोहम्मद नाम के एक ईरानी आतंकवादी को गिरफ्तार कर उसका वीडियो जारी किया है. तालिबान ने कथित तौर पर ऐनुद्दीन को दिखाते हुए सीसीटीवी फुटेज जारी किए. इस वीडियो में वह मजार-ए शरीफ में बल्ख के गवर्नर और तेबयान सांस्कृतिक केंद्र के खिलाफ हमलावर को सुविधाएं मुहैया करा रहा था. यह पहली बार हुआ है जब आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस में शामिल ईरान के किसी कथित आतंकवादी को गिरफ्तार कर उसका वीडियो जारी किया गया है.

तालिबान जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ इंटेलिजेंस (जीडीआई) द्वारा जारी बयान के मुताबिक उसके विशेष ऑपरेशन बलों ने आईएसकेपी के एक प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार किया है. इस हमलावर का बाकायदा एक इकबालिया वीडियो बयान भी जारी किया गया है. GDI द्वारा प्रकाशित वीडियो में, ऐनुद्दीन को एक आत्मघाती हमलावर के साथ जाते हुए दिखाया गया है. अपने जीवनी संबंधी विवरण देते हुए, कथित ISKP सहयोगी का कहना है कि उसे ईरान में इस्लामिक स्टेट द्वारा भर्ती किया गया था (वीडियो में ईरान शब्द बीप किया गया है, लेकिन सुना जा सकता है). अफगानिस्तान इंटेलिजेंस का दावा है कि पूछताछ के दौरान इस ईरानी आतंकवादी ने यात्रियों और एक मदरसे को ले जा रहे वाहन पर हमले का हिस्सा होने का भी कबूल किया है.

तालिबान द्वारा जारी इस हमलावर के एक इकबालिया वीडियो बयान में वह खुद को बामियान के ऐनुद्दीन के रूप में पेश करता है. उसका कहना है कि उसने उत्तरी अफगानिस्तान में बड़े हमलों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी. जीडीआई के मुताबिक, एक ऑपरेशन के दौरान उसकी गिरफ्तारी की गई. आरोपी दाउद मुज़म्मिल हत्याकांड (बाल्ख के तालिबान गवर्नर), मजार में तेबयान हमले के साथ-साथ अप्रैल 2022 में एक शिया मस्जिद के खिलाफ हमले में आईएसकेपी को खुफिया जानकारी प्रदान करने के लिए वह जिम्मेदार था.

तालिबान के दावे के मुताबिक उसके द्वारा गिरफ्तार किया गया संदिग्ध मूल रूप से बामियान प्रांत के सैघान जिले का रहने वाला है और उसे लगभग ढाई साल पहले ईरान में ISKP द्वारा भर्ती किया गया था. फिलहाल तालिबान इस गिरफ्तारी को आईएसकेपी के लिए एक बड़ा नुकसान और अपने लिए एक बड़ी सफलता मान रहा है.

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Tags: Afghanistan, Iran, ISKP, Taliban

FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 19:42 IST

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