अमरनाथ जैसी कठिन है नागद्वारी यात्रा, साल में केवल 10दिन खुलता है मंदिर
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू
सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी को महादेव का दूसरा घर भी कहा जाता है। यहां जटाशंकर, बड़ा महादेव, गुप्ता महादेव, नाग महादेव, गणेश पर्वत समेत अन्य स्थान हैं। प्रसिद्ध नागद्वार मंदिर पहाड़ों की गुफा में स्थित है और केवल साल में 10 दिनों के लिए खुलता है। श्रद्धालुओं को नागदेवता के दर्शन के लिए 15 किमी लंबी यात्रा करनी पड़ती है। सात दुर्गम पहाड़ों को चढ़कर और सर्पाकार पगडंडियों से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इसलिए इस यात्रा की तुलना ‘अमरनाथ यात्रा’ से की जाती है। 1 से 10 अगस्त तक यहां मेला लगता है और नागद्वारी यात्रा कहा जाता है।
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू :नागफनी से शुरू होगी यात्रा
नागफनी से नागद्वारी की यात्रा शुरू होती है। यहां श्रद्धालु एकत्र होकर यात्रा शुरू करते हैं। यात्रा करीब 15 किलोमीटर की है। यात्रा के दौरान सात पहाड़ चढ़ने होते हैं। इनमें ऊंचे-नीचे सर्पाकार पगडंडियों और सीढ़ियों की मदद से मंदिर तक पहुंचना होता है। यात्रा के रास्ते में भगवान शिव के जयकारे गूंजते रहते हैं। महाराष्ट्र से कई सेवा मंडल यहां पहुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं के लिए नागफनी और कालाझाड़ में पेयजल की व्यवस्था भी की गई है। सावन के महीने में शिवजी की आराधना और नागदेवता के दर्शनों के लिए मध्यप्रदेश समेत छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य प्रांतों से श्रद्धालु आते हैं।
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू : सुरक्षा व्यवस्था में 1000 से अधिक जवान
मेला प्रभारी और एसडीएम संतोष तिवारी ने बताया मेले में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मेला अवधि तक एसडीओपी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व विभाग के आरआई, पटवारियों के साथ ही जिला प्रशासन के अनेक अधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही, करीब 700 पुलिस बल, 130 होमगार्ड, 50 आपदा मित्र, 12 एसडीआरएफ के जवान समेत 1000 कर्मचारी व्यवस्थाएं संभालेंगे। पिछले साल से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हैं।
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू :स्लीपर कोच बसें प्रतिबंधित, मार्ग में लगाए साइन बोर्ड
मेला अवधि के दौरान पचमढ़ी जाने वाली स्लीपर कोच बसों के परिवहन पर रोक लगाई गई है। श्रद्धालुओं व सैलानियों के लिए सड़कों की मरम्मत के साथ ही जगह-जगह साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जिससे श्रद्धालु भटके नहीं। इसके अलावा, यात्रा के दौरान डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही दवाओं का इंतजाम रहेगा।
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू : लैंड स्लाइड और जिप्सी पलटने की घटना के बाद अफसरों ने किया निरीक्षण
मेले के लिए जिला प्रशासन दो महीने पहले से तैयारियां शुरू कर देता है। जून महीने में ही प्रमुख अधिकारियों ने ट्रैकिंग कर नागद्वारी मार्ग का निरीक्षण किया था। 21 जुलाई की अल–सुबह धूपगढ़ मार्ग पर हुए लैंड स्लाइड और नागद्वारी के लिए जा रहे कर्मचारियों की जिप्सी पलटने की घटना के बाद प्रशासन ने गंभीर है। 26 जुलाई को कमिश्नर केजी तिवारी, कलेक्टर सोनिया मीना, एसटीआर फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति, जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत, एसडीएम संतोष तिवारी, टीआई उमाशंकर यादव समेत सभी अधिकारियों ने नागद्वार यात्रा मार्ग और नागद्वार मंदिर तक ट्रैकिंग की थी। लैंड स्लाइड, जिप्सी के एक्सीडेंट घटनास्थल जाकर देखा था। कमिश्नर केजी तिवारी ने कहा धूपगढ़ मार्ग पर लैंड स्लाइड हुई थी। जिसकी मरम्मत का कार्य जारी है। नागद्वारा पैदल यात्रा मार्ग से वो रास्ते अलग है। बारिश को ध्यान में रखते हुए वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था की गई है। पार्किंग, मार्ग क्षतिग्रस्त या लैंड स्लाइड की स्थिति में तत्काल मरम्मत के लिए विभागीय अधिकारी तैनात किए गए हैं।
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू: एक चूक और गए गहरी खाई में
यात्रा के रास्ते इतने दुर्गम हैं कि हर पल डर बना रहता है कि कदम डगमगाए, तो सीधे गहरी खाई में समा सकते हैं। यात्रा के दौरान हर कदम बहुत संभलकर रखना होता है। पानी में फिसलन भरी ढलान में यह खतरा और बढ़ जाता है। बड़ी-बड़ी चट्टानों से गुजरना होता है। कई बार तो बहते पानी को भी पार करना किसी रोमांच से कम नहीं होता।
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू: टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र में आता है नागद्वार
नागद्वारी गुफा, मार्ग सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में आता है। इस कारण यहां प्रवेश वर्जित होता है। रिजर्व फॉरेस्ट प्रबंधन यहां जाने वाले रास्ते का गेट बंद कर देता है। साल में सिर्फ एक बार ही 10-11 दिनों के लिए नागद्वारी की यात्रा और दर्शन का मौका मिलता है।
नागद्वार यात्रा से आज से शुरू
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