मंदिर के शिखर दर्शन क्यों जरुरी : जानिये पूरी खबर
मंदिर के शिखर दर्शन क्यों जरुरी : जानिये पूरी खबर
मंदिर जाते हैं और भगवान की पूजा करते हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश मंदिर नहीं जा पाते हैं तो मंदिर के शिखर के दर्शन करने से ही लाभ हो सकता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि ‘शिखर दर्शनं पाप नाशं’ अर्थात मंदिर के शिखर के दर्शन मात्र से ही सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे भक्तों को मंदिर जाने का पुण्य मिलता है।
यह भी माना जाता है कि शिखर को देखने से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना मंदिर में भगवान की मूर्ति को देखने से मिलता है। इस कारण मंदिर का शिखर काफी ऊंचाई पर स्थित है ताकि कोई भी आसानी से इसके दर्शन कर शुभ फल प्राप्त कर सके।
मंदिर के शिखर दर्शन क्यों जरुरी : जानिये पूरी खबर
मंदिर के शिखर दर्शन के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
मंदिर के शिखर दर्शन क्यों जरुरी : जानिये पूरी खबर
शिखर के दर्शन करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और पूजा का पूरा फल मिलता है। वहीं यह भी माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति मंदिर में दर्शन करने के बाद भी चोटी के दर्शन नहीं करता है तो पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। इस कारण शिखर को ऊंचा बनाने के साथ-साथ उसमें एक ध्वजा भी लगाई जाती है, जो श्रद्धालुओं को एकाग्र करने में मदद करती है।
मंदिर के शिखर दर्शन क्यों जरुरी : जानिये पूरी खबर
यदि आप पूजा के लिए मंदिर जाते हैं तो सबसे पहले इसके शिखर के दर्शन करें। इसके लिए सबसे पहले इसकी ध्वजा और कलश को प्रणाम करें। शिखर को देखते हुए आंखें बंद कर अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें। कभी-कभी आपका शरीर अशुद्ध होने पर भी और आप मंदिर नहीं जा सकते, बाहर से शिखर को देखने से पूजा का फल मिलता है।
मंदिर के शिखर दर्शन क्यों जरुरी : जानिये पूरी खबर
शिखर दर्शन पर जाते समय मंत्रों का जाप करें। यदि आपके इष्ट देवता भगवान शिव हैं तो शिखर दर्शन के समय ॐ नमः शिवाय का जाप करें। विष्णु के भक्तों के लिए ॐ नमो भगवते वासुदेवाय और माता रानी के भक्तों के लिए ‘मंत्र दुं दुर्गायै नमः’ का जाप करें, ताकि आपकी मनोकामना पूरी हो सके।
जिस प्रकार शिखर दर्शन को उपयोगी माना जाता है उसी प्रकार मंदिर की सीढ़ियों पर माथा टेकने से भी मनोकामना पूर्ण होती है और ये सभी भगवान के प्रति सम्मान प्रकट करने के उपाय माने जाते हैं।