NEET के 1563 कैंडिडेट्स की दोबारा परीक्षा का प्रस्ताव
NEET रिजल्ट में गड़बड़ियों के विरोध में स्टूडेंट्स ने 9 जून को नई दिल्ली में NTA के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
NEET एग्जाम में गड़बड़ियों को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट के स्कोरकार्ड निरस्त होंगे। इसके बाद बिना ग्रेस मार्क्स के स्कोर कार्ड जारी किए जाएंगे।
NTA की कमेटी ने सुझाए हैं प्रस्ताव
याचिकाकर्ताओं ने NEET परीक्षा में 1563 कैंडिडेट्स को दिए गए ग्रेस मार्क्स पर आपत्ति जताई थी। NTA ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 10, 11 और 12 जून को बैठक की। कमेटी ने सुझाव दिया है कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट्स के स्कोरकार्ड निरस्त किए जाने चाहिए और इनके लिए दोबारा परीक्षा कराई जानी चाहिए। इन स्टूडेंट्स को उनके बगैर ग्रेस मार्क्स वाले ओरिजिनल स्कोर भी बताए जाने चाहिए।
एग्जाम में गड़बड़ी की शिकायत पर कई राज्यों के हाईकोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गई हैं। ऐसे में जहां भी ग्रेस मार्क्स को लेकर याचिका लगाई गई है वहां सुप्रीम कोर्ट का आदेश ही लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाओं पर सुनवाई हुई
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को NEET UG 2024 रिजल्ट को चुनौती देने वाली 3 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इनमें 3 मांग की गई थीं…
- परीक्षा में शामिल 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए जो गलत है।
- मौजूदा रिजल्ट के बेस पर हो रही काउंसलिंग को रोका जाए।
- NEET परीक्षा रद्द की जाए और एग्जाम दोबारा कराया जाए।
इनमें से गुरुवार को ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सुनवाई हुई है। वहीं पेपर लीक के आरोप की याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी।
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- पेपर लीक के कोई सबूत नहीं
केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इसका कोई सबूत नहीं है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘NTA पर भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। यह एक बहुत ही विश्वसनीय संस्था है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है और हम उसके निर्णय का पालन करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र को नुकसान न हो।’
धर्मेंद्र प्रधान ने 9 जून को मोदी 3.0 कैबिनेट में शिक्षामंत्री पद की शपथ ली है।
काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट शिवांगी मिश्रा और 9 अन्य छात्रों की याचिका पर सुनवाई की थी। इसे रिजल्ट की घोषणा से पहले 1 जून को दायर किया गया था। कैंडिडेट्स ने बिहार और राजस्थान के एग्जाम सेंटर्स पर गलत क्वेश्चन पेपर्स बंटने के चलते हुई गड़बड़ी की शिकायत की थी और परीक्षा रद्द कर SIT जांच की मांग की गई थी।हालांकि, SC ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और NTA को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने NEET UG 2024 में पेपर लीक, ग्रेस मार्किंग सहित अन्य गड़बड़ियों पर सवाल उठाए थे।जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस ए. अमानुल्लाह की पीठ ने कहा था कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, हमें जवाब चाहिए। नोटिस में बेंच ने केंद्र और परीक्षा कराने वाली एजेंसी NTA से 4 हफ्ते में जवाब मांगा।